scriptमासूम छात्र की हत्या करने वाले चाचा को उम्रकैद, पिता ने कहा- जब फांसी नहीं मिलेगी चैन से नहीं बैठूंगा | Life imprisonment of three accused in murder case of student at Rampur | Patrika News

मासूम छात्र की हत्या करने वाले चाचा को उम्रकैद, पिता ने कहा- जब फांसी नहीं मिलेगी चैन से नहीं बैठूंगा

locationमुरादाबादPublished: Feb 14, 2018 11:51:07 am

Submitted by:

lokesh verma

कक्षा 3 के छात्र अमन की हत्या को जघन्य अपराध मानते कोर्ट ने तीन आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

rampur
रामपुर. दयावती मोदी अकादमी के तीसरी कक्षा के छात्र अमन की हत्या के मामले में तीन दोषियों को अदालत ने जघन्य अपराध मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि एक अन्य को 10 साल कैद की सजा सुनाते हुए चारों पर 2.69 लाख का जुर्माना भी लगाया है। इस जुर्माने में से आधी राशि छात्र के परिजनों को दी जाएगी। बता दें सात साल पहले हुए इस हत्याकांड ने पूरे शहर को झक झोरकर रख दिया था। हालांकि आरोपियों को सजा मिलने के बाद छात्र के पिता ने बताया कि उन्होंने अपने इकलौता बेटा खोया है। हमने अदालत से मुलजिमों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। अब वे हाईकोर्ट जाएंगे और हत्यारों को फांसी की सजा दिलाकर ही दम लेंगे।
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बता दें कि यह जघन्य वारदात सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत आवास विकास कालोनी निवासी अमित अग्रवाल के परिवार के साथ हुई थी। अमित का साढ़े सात साल का बेटा कक्षा तीन का छात्र था। 28 अप्रैल 2011 को स्कूल से घर आते समय कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था और कार में डालकर ले गए थे। अगले दिन छात्र की लाश पीलीभीत के थाना गजरौला क्षेत्र से बरामद हुई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जांच शुरू की। तत्कालीन एसपी रमित शर्मा ने 10 दिन में हत्याकांड का पर्दाफाश कर चार मुलजिमों को पकड़ लिया था।
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दरअसल, हत्या की साजिश रचने वाला छात्र के पिता का ममेरा भाई अनुराग अग्रवाल उर्फ आशु था, जो बरेली के थाना कोतवाली अंतर्गत मोहल्ला बिहारीपुर कारोलान का रहने वाला है। उसने अपने तीन दोस्तों की मदद से इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। सिविल लाइंस पुलिस ने आशु समेत बरेली के ही मोहल्ला बिहारीपुर खत्रियान के हरिओम उर्फ नवनीत खंडेलवाल, मेमरान बिहारीपुर के सोनू गोयल और बिहारीपुर के विजय के खिलाफ मुकदमा किया था। पुलिस ने मुकदमे की विवेचना कर चारों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाबर अली और मृतक पक्ष के निजी अधिवक्ता नजर अब्बास ने बहस की। उनका कहना था कि छात्र की हत्या फिरौती के लिए की थी। पहले उसका अपहरण किया और बाद में भेद खुलने के डर से कार में ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर मृतक का बैग आदि सामान बरामद किया था। तृतीय अपर जिला जज रजनी सिंह ने अनुराग, हरिओम और सोनू को हत्या में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अलावा साक्ष्य छुपाने आदि अन्य धाराओं में भी अलग-अलग सजा सुनाई व जुर्माना लगाया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके अलावा विजय को हत्याकांड में साथ देने और कार पर फर्जी नंबर प्लेट इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने आदि धारा में 10 साल कैद व 41 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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