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अजब गजब: कभी स्टीम इंजन के साथ स्टीम रोड रोलर भी था रेलवे का साथी

locationमुरादाबादPublished: Apr 17, 2018 05:08:59 pm

Submitted by:

jai prakash

मुरादाबाद रेल मंडल कार्यालय पर देश की आजादी के साल में बनाया गया भाप से चलने वाला रोड रोलर कौतूहल का विषय बना हुआ है।

moradabad
मुरादाबाद: आप ने भाप से चलने वाले रेल इंजन तो देखे और सुने होंगे,क्या भाप से चलने वाला रोड रोलर भी देखा है। शायद कम लोगों को ही जानकारी या इसे देखा होगा। क्यूंकि हमने सड़कों को ठीक करते हुए डीजल से चलने वाले रोड रोलर ही देखे हैं। लेकिन मुरादाबाद रेल मंडल कार्यालय पर देश की आजादी के साल में बनाया गया भाप से चलने वाला रोड रोलर कौतूहल का विषय बना हुआ है। ये पिछले दिनों मंडल कार्यालय में इंजीनियरिंग विभाग में सफाई के दौरान मिला,जिसे डीआरएम् अजय कुमार सिंघल ने मंडल कार्यालय के बगल के पार्क में आम लोगों के लिए रखवा दिया,साथ ही इसमें साफ़ सफाई और रंग रोंगन के साथ लाईट भी लगवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा ये कबाड़ नहीं है। बल्कि रेलवे की धरोहर है।
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यहां बता दें कि ब्रिटिश गवर्नमेंट में ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी की ओर से नई रेलवे लाइन बिछाने और सड़क निर्माण का काम भाप इंजन वाले रोड रोलर से कराया जाता था।
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रेल अधिकारीयों ने बताया कि पिछले दिनों रेल मंडल मुख्यालय की ओर से इंजीनिय¨रग विभाग के कबाड़ घर की सफाई की जा रही थी। वर्षो से बेकार पड़े कबाड़ की बिक्री की जा रही थी। इस दौरान भाप से चलने वाला रोड रोलर मिला। इस रोड रोलर को वर्ष 1947 में इंग्लैंड की कंपनी जैमको द्वारा बनाया गया था। इसे चलाने के लिए कोयला जलाकर पानी को गर्म कर स्टीम बनाया जाता था। इस स्टीम इंजन वाले रोड रोलर से नई रेलवे लाइन डालने के लिए जमीन तैयार की जाती थी। इसके अलावा रेलवे कालोनी व रेल लाइन के किनारे सड़क के निर्माण में भी इसका प्रयोग किया जाता था। इस रोड रोलर ने 1962 तक काम किया। इसके बाद डीजल से चलने वाला रोड रोलर आ गया। इसलिए इसे गोदाम में डाल दिया गया। लेकिन अब बदलते तकनीकी दौर में ऐसी चीजें कम ही मिलती हैं ,लिहाजा इसे कबाड़ के साथ बेचा नहीं गया। बल्कि सहेज लिया गया। यहां से गुजरने वाले भी एक नजर इसे रूककर देखते जरुर हैं। और पुराने वक्त को याद करते हैं।
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