10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अजब-गजब: बहन ने राखी बांधने के बाद गिफ्ट में मांग लिया गांव तो चल पड़ी अनोखी परंपरा

संभल के इस गांव में रक्षाबंधन न मनाने की सालों से चल आ रही है पंरपरा

2 min read
Google source verification

मुरादाबाद/संभल. इस साल 26 अगस्त को मनाए जाने वाले रक्षाबंधन को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है। राखियों को लेकर मार्केट में रौनक छाई हुई है। बहनें अपने भाइयों के लिए राखी खरीदने के लिए मार्केट जा रही है। पंरपरागत ढंग से मनाए जाने वाले रक्षाबंधन के इस त्योहार की धूम हर तरफ देखने को मिल रही है। लेकिन यूपी का एक गांव ऐसा भी है, जहां कोई भी राखी नहीं बंधवाना चाहता है। अगर कोई राखी बंधवाना भी चाहता है तो उनके आड़े सदियों पुरानी पंरपरा आ जाती है।

यह भी पढ़ें: इन दो गांवों में रक्षाबंधन मनाने पर रोक, अगर कोई मनाता है तो भुगतने होते हैं ये परिणाम

हर पंरपरा और त्योहार हमारी संस्कृति का हिस्सा है। सदियों से हम इन्हें निभाते आ रहे है। लेकिन कभी कभार कुछ त्योहार पर ऐसी घटना होती है, जो सदियों के लिए मान्यता में बदल जाती है। कुछ ऐसी ही कहानी संभल के गांव बेनीपुर चक की है। गांव में सदियों से राखी का त्योहार नहीं मनाया जाता है। इस गांव में भाई अपनी बहन से इसलिए राखी नहीं बंधवाते हैं कि कहीं कोई बहन ऐसा गिफ्ट न मांग ले कि जिसकी वजह से उसे अपना घर तक छोड़ना पड़ जाए। यह हैरान कर देने वाली बात जरुर लगती है। लेकिन सच्चाई है। दरअसल में एक तरफ जहां रक्षाबंधन का त्यौहार देश में परंपरागत ढंग से मनाया जाता है। इस त्योहार पर लोग धर्म व जाति को दरकिनार कर धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन यहां भाईयों को डर सताता रहता है कि कहीं उन्हें गांव न छोड़ना पड़ जाए। इसके पीछे की घटना काफी हैरत करने वाली है।

एक बहन को भाई से मजाक करना भारी पड़ गया था। संभल के बेनीपुर चक गांव के ग्रामीणों की माने तो उनके पूर्वज अलीगढ़ जिले के अतरौली तहसील क्षेत्र के सेमरई गांव के रहने वाले थे। इस गांव में यादव और ठाकुर जमींदार हुआ करते थे। ठाकुर परिवार के कोई लड़का नहीं था। लिहाजा ठाकुर की बेटी यादव के बेटे को अपना भाई मानती थी और उन्हें राखी बांधती थी। रक्षाबंधन के त्योहार पर ठाकुर की बेटी ने यादव के बेटे से उपहार के बदले गांव की जमींदारी मांग ली थी।

रक्षाबंधन के दिन यादवों ने गांव छोड़ दिया। हालांकि बहन ने काफी कहा था कि उसने मजाक किया है। लेकिन वचन के चलते वे नहीं माने और उन्होंने गांव को छोड़कर सम्भल के बेनीपुर गांव में आकर बस गए। पंरपरा के चलते वर्तमान समय में भी भाई अपने बहनों से राखी नहीं बंधवाते है। अगर कोई बहन भाई को राखी बांधना चाहती है तो भाई नहीं बधवाता है। डर है कि कहीं उन्हें दौबारा गांव न छोड़ना पड़ जाए। वहीं पुरानी पंरपरा भी उनके आगे आड़े आ जाती है।

यह भी पढ़ें: राखी स्पेशलः यूपी के इस गांव में नहीं मनाया जाता है रक्षाबंधन


बड़ी खबरें

View All

मुरादाबाद

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग