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मुरादाबाद: स्मार्ट सिटी को मुंह चिढ़ा रहीं ये मलिन बस्तियां

locationमुरादाबादPublished: Jan 23, 2018 09:52:54 am

Submitted by:

lokesh verma

मझोला क्षेत्र में करीब दस साल पहले गरीबों के लिए बसाई गई कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना सरकार बदलने के साथ ही बदहाल

moradabad
मुरादाबाद. देश-दुनिया में पीतल नगरी के लिए मशहूर मुरादाबाद को हाल ही में स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल किया गया है। ज्ञात हो कि पिछले तीन राउंड से मुरादाबाद लगातार अन्य शहरों के मुकाबले पिछड़ता जा रहा है, लेकिन अब साल की शुरुआत में इस घोषणा से शहर के विकास की उम्मीदों को नए पंख लग गए हैं।
इस योजना में शहर के विकास के नए मुकाम के लिए सवा दो अरब रुपये खर्च किए जाने हैं। इसलिए आम से लेकर खास तक इस खुशी में शामिल हैं। इसके साथ ही शहर में कई ऐसी जगह हैं जो स्मार्ट सिटी को मुंह चिढ़ा रही हैं। ऐसी मलिन बस्ती और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों से पत्रिका ने बातचीत की तो उन्हें भी उम्मीद है कि शायद उन्हें भी इस नारकीय माहौल से निजात मिले।
शहर के मझोला क्षेत्र में करीब दस साल पहले गरीबों के लिए बसाई गई कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना सरकार बदलने के साथ ही बदहाल हो गई। यहां न पीने के पानी की सुमिचित व्यवस्था है और न बिजली की, जिसके कारण जो गरीब तबका जहां से जैसा आकर बसा वह अभी भी वैसा ही है। नगर निगम का क्षेत्र होने के बाद भी यहां सफाई जैसी आम सुविधा नहीं है। कालोनी बनाने वाले मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अफसरों ने भी लौटकर इसकी सुध नहीं ली। यहां तीन मंजिला तक बने फ्लैटों में लोगों को पानी अभी नीचे लगे हैंडपम्प से ही भरकर लाना पड़ता है।
यहां रहने वाले शिव सागर और मोहम्मद सुल्तान कहते हैं कि स्मार्ट सिटी की अगर घोषणा हो गई है, तो हमें भी उम्मीद है कि शायद अब कोई हमारी कालोनी की तरफ भी देखेगा। यहां बजबजाती नालियां और गंदगी के अंबार से सब परेशान रहते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी शहर के दूसरे इलाकों कारूला और गोविन्द नगर में भी है। यहां भी बड़ी संख्या में लोग नारकीय माहौल में जीवन-यापन करने को मजबूर हैं।
उधर मेयर विनोद अग्रवाल की मानें तो नगर निगम स्मार्ट सिटी से शहर के हर वर्ग और हर इलाके को बिना किसी भेदभाव के चमकाया जाएगा। फ़िलहाल अभी घोषणा हुई है। ये अमली जामा कब तक पहनेगी ये अपने आप में देखने वाली बात होगी।

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