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बैकुंठ में बैठकर दुनियां को और बृज में गोपियों की छाछ के लिए स्वयं नाचते हैं भगवान

- श्रीमद भागवत कथा में पं. श्यामसुंदर शास्त्री ने भगवान की लीलाओं का किया वर्णन

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बैकुंठ में बैठकर दुनियां को और बृज में गोपियों की छाछ के लिए स्वयं नाचते हैं भगवान

बैकुंठ में बैठकर दुनियां को और बृज में गोपियों की छाछ के लिए स्वयं नाचते हैं भगवान


मुरैना. रामनगर सीताराम वाली गली में चल रहे श्रीमद भागवत कथा में आचार्य पं. श्यामसुंदर शास्त्री वृंदावन धाम ने भगवान की लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया गया। भगवान श्रीकृष्ण व गोपियों के बीच का प्रसंग सुनाया तो श्रोता भावुक हो गए। आचार्य ने कहा कि बैकुंठ में तो ब्रम्हा और शंकर को भी लाइन लगाकर भगवान के दर्शन में जाना पड़ता है। शेष, महेश, गणेश, दिनेश, सुरेशहुं जाहि निरंतर ध्यावे और वृंदावन में ताहि अहीर की छोहरियां छछिया भरि छाछ पर नाच नचावे, बैकुंठ में बैठकर दुनियां को नाच नचा रहे हैं सबहि नचावत राम गुंंसाइ और वृंदावन में स्वयं गोपियों की छाछ के लिए नाच रहे हैं। गोपियां कह रही है लाला नेक बढिय़ा सौ ठुमका लगाकरि दिखाय दे, नाच नीको लगो तो ताजी ताजी छाछ खिलाऊंगी तोकों। नेक छाछ के लिए कन्हैया ठुमक ठुमक कर नाच नाच कर गोपियों को रिझाते हैं अरे इतना ही नहीं हैं गोपियां धमकी भी कन्हैया को देती हैं। बड़े बड़े देवता जिसकी भृकुटी से कांपते हैं, उस भगवान को बृज की भोली भाली गोपियां कहती हैं कन्हैंया खबरदार जो मेरी मटकी फोड़ी तेरी अच्छी तरह खबर ले लूंगी। भगवान को डाटती हैं और धमकी देती है। इस गीत पर अरे तोइ काऊ दिन हाथ लगाइ दूंगी मत फोड़ दही की मटकी, मैं हू ग्वालिन हूं बरषाने की, मेरी धोंस में नाइ आवे, तेरो रास्ता बंद कराइ दूंगी श्रोता झूम उठे। जब भगवान रामजी बनकर अवध में आए तो भोले बाबा हनुमान भी बनकर सेवा करने आए। जब ये रामजी बृज में श्यामजी बनकर आए तो राम रा माने राधा और म माने माधव हमारे रामजी राधा माधव बनकर युगल रूप में प्रकट हुए। भोले बाबा बंशी बनकर प्रकट हुए। कथा के परीक्षत जानकी देवी पत्नी स्व. ओमप्रकाश डंडोतिया हैं। वहीं कथा का आयोजन में ब्रजभूषण डंडोतिया, रामबेटी पत्नी स्व. बाबूलाल डंडोतिया, शारदा देवी पत्नी स्व. संतोषी लाल डंडोतिया, शियाबेटी रमेश डंडोतिया, मुन्नीदेवी प्रयागनारायण डंडोतिया, गीतादेवी अशोक डंडोतिया, मीरादेवी जगदीश डंडोतिया, साधना विपिन डंडोतिया के सहयोग से हो रहा है।