
Unique tradition: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के कैलारस के शेखपुर गांव में होली के त्यौहार पर 400 साल पुरानी अनूठी परंपरा का आयोजन किया गया। जिसमें गांव की नवविवाहिताओं ने होलिका दहन के अगले दिन दुल्हन की तरह सजकर पूरे गांव की परिक्रमा लगाई। वहीं डोंगरपुर गांव में दामादों (मान्य) की सामूहिक निकासी भी हुई, जिनका हर घर पर अभिनंदन हुआ।
कैलारस तहसील के शेखपुर विजयानंद पुरम गांव में होलिका दहन के बाद ही पुरुष व महिलाएं गांव में घर घर फेरी लगाकर एक दूसरे को गुलाल लगाकर रंगों के त्योहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। धुलेंडी के दिन सुबह गांव के पुरूष प्रभातफेरी निकालकर घर घर में मेल मिलाप करने पहुंचे, वहीं शाम को गांव की नवविवाहिताओं ने दुल्हन की तरह सजकर पूरे गांव की परिक्रमा लगाई। गांव के बुजुर्ग रूपसिंह त्यागी ने बताया कि इस प्रथा को संत विजयानंद का आशीर्वाद मानते हुए सभी ग्रामीण अपनी बहन-बेटियों व मान्य धान्य को उत्साह के साथ आमंत्रित करते हैं।
कैलारस तहसील की ग्राम पंचायत डोंगरपुर मानगढ़ के ग्राम डोंगरपुर में होली के दिन अनोखी परम्परा का निर्वहन हुआ। इस बार गांव के दामाद जगदीश धाकड़, गयालाल धाकड़ को दूल्हा बनाया गया और ढोल-नगाड़ों के साथ पूरी बारात का जगह-जगह स्वागत हुआ। गांव के प्रदीप शर्मा कहते हैं कि मैंने तो जन्म से इस परंपरा को देखा है। इसका मकसद आपसी मतभेद दूर करना है।
शेखुपुर गांव में ही नई पीढ़ी को स्वस्थ रहने का संदेश देने के लिए नाल उठाने की प्रतियोगिता रखी गई, जिसमें ग्वालियर अंबाह, शिवपुरी, मुरैना, आगरा के पहलवानों ने भाग लिया। जिसमें 82 किलो से लेकर 150 क्विंटल तक की नाल रखी गई। प्रतियोगिता में शिवपुरी (सीहोर) के सतेंद्र गुर्जर ने 123 किलो (1.23 क्विंटल) की नाल उठाकर प्रथम पुरस्कार के रूप में 11 हजार की राशि जीती। वहीं 18 वर्षीय युवा कंपोटर बघेल ने भी 82 किलो, हरिश्चंद्र यादव, आकाश तोमर ने 115 किलो की नाल उठाई, जिन्हें महंत रामलखन दास द्वारा 7100, 7100 के पुरस्कार प्रदान किए गए।
Published on:
16 Mar 2025 07:00 pm
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