आपको बता दें कि, ये घटनामुरैना जिले के अंबाह इलाके के अंतर्गत आने वाले नयापुरा गांव की है। गांव के पाराशर की गढ़ी में जयचंद तोमर बिजली कंपनी में ठेका कर्मचारी था। यहां बिजली लाइन फॉल्ट होने के बाद ग्रामीणों की शिकायत पर लंबी जद्दोजहद के बाद कर्मचारी को लाइन सुधारने के लिए परमिट दिया गया। बावजूद इसके जब कर्मचारी खंभे पर चढ़कर लाइन में काम कर रहा था, इसी दौरान कंपनी की ओर से किसी ने लाइन चालू कर दी, जिससे खंभे पर चढ़ कर्मचारी की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना दफ्तर में दी। बीवजूद इसके खंभे पर लटके शव को उतारने घंटों तक कोई जिम्मेदार नहीं आया। इसपर ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा और जब घंटों बाद कंपनी के अंबाह डिवीजन के उप-महाप्रबंधक अभय चोपड़ा कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर कर मारपीट शुरु कर दी।
ग्रामीणों का आक्रोश फूटा
कंपनी की लापरवाही से ग्रामीणों में खासा नाराजगी देखी गई और जब ग्रामीणों ने कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों को देखा तो उन्हें चारं ओर से घेर लिया। ग्रामीणों के आक्रामक रुख को देखकर अफसर के साथ साथ अन्य कर्मचारी भी मौके से भागने लगे, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें पकड़कर उनके साथ जमकर मारपीट कर दी।
लगातार बिजली कटौती की भी नाराजगी
मामले ने जैसे ही विवाद का रूप लिया तो सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने किसी तरह अफसरों और कर्मचारियों को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि, इनके साथ मारपीट इसलिए की गई है कि, इनकी लापरवाही किस हद पर जा पहुंची है कि, आज इन्होंने खुद कर्मचारी को खंभे पर चढ़ने की अनुमति देने के बाद लाइन चालू करके उसे मार दिया। इससे पहले भी कंपनी का बिजली सप्ताई को लेकर उदासीन रहता है। यहां लोगों में लोग लंबे समय तक की जा रही बिजली कटौती की भी नाराजगी है। इन दोनों ही घटनाओं ने ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ा दिया।
लापरवाही किसी की, खामियाजा किसी और को
बता दें कि उपमहाप्रबंधक अभय चोपड़ा ग्वालियर के ओएंडएम में सहायक यंत्री थे। उन्हें 15 दिन पहले ही पहली बार उपमहाप्रबंधक पद का प्रभार सौंपा गया है। यानी गौर करें तो बिजली सप्लाई में कटौती की लापरवाही किसी और अफसर की थी, लेकिन उसका खामियाजा नए आए अफसर को भुगतना पड़ा।
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सुरक्षा उपकरण नहीं पहने था कर्मचारी
मामले क लेकर मुरैना जिले के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक पीके शर्मा का कहना है कि, ठेका कर्मचारी सुरक्षा उपकरण नहीं पहनते हैं, जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इसमें पूरी तरह अधिकारियों को गलत नहीं कहा जा सकता।
एक महीने में ये दूसरी घटना
पिछले एक महीने में बिजली कंपनी में ठेका कर्मचारियों की लाइन पर काम के दौरान मरने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले दिमनी क्षेत्र के खड़ियाहार गांव में कर्मचारी की लाइन पर काम करने के दौरान मौत हो गई थी। उसकी लाश सात घंटे तक लाइन पर टंगी रही थी, लेकिन बिजली कंपनी प्रबंधन ने उसे नीचे उतरवाने की जहमत नहीं उठाई।
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