
VIDEO : कुएं से निकला दूषित पानी, एक दर्जन ग्रामीण पानी पीने से अस्पताल में भर्ती
मुरैना । जनपद पंचायत कैलारस की गोल्हारी पंचायत के बरईपुरा गांव की आदिवासी बस्ती में कुआं का पानी दूषित होने से रविवार की रात गांव में डायरिया फैल गया। जिसकी वजह से एक दर्जन ग्रामीण उल्टी, दस्त की चपेट में आ गए। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कैलारस पर सोमवार की सुबह जब सूचना मिली तो 108 एम्बुलेंस से उल्टी दस्त के शिकार लोगों को कैलारस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य टीम को भी बरईपुरा गांव में भेज कर गांव के कुआं के पानी का सेंपल लिया है उस सेंपल को जांच के लिए मुरैना भेजा गया है ।
जानकारी के मुताबिक सोमवार को बरईपुरा गांव में ग्रामीणों को उल्टी दस्त होने की शिकायत अस्पताल को मिली। जिस पर तुरंत ही 108 का स्टाफ शिशुपाल और अजब सिंह एम्बूलेंस से गांव में पहुंचा। जहां से ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य टीम ने गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को ओआरएस का घोल तथा दवाओं का वितरण किया। इसके साथ ही कुएं के पानी की जांच के लिए सेंपल लिया गया है। ग्रामीणों को भी कुएं से पानी न पीने की सलाह दी जा रही है। अभी तक कैलारस अस्पताल में वंदना आदिवासी (०७), रामरती पत्नी मदनु (५५), छोटू पुत्र मदनु (१२), तुलसी आदिवासी (१५), रिंकू आदवासी (१२), राधे आदिवासी, पूजा आदिवासी (०५), श्रीनिवास अदिवासी (३१) को भर्ती कराया गया है। अगर समय रहते स्वास्थ्य विभाग कुअंा में दवा का छिड़काव करवा देता तो गांव में आज बीमारी नहीं फैलती ।
गांव के हैडपंपों से पानी नहीं भरने देते दबंग !
बरईपुरा में एक दर्जन से अधिक परिवार आदिवासियों के हैं। इस पुरा में एक हैडपंप सरकारी स्कूल और दूसरा आदिवासी बस्ती में था जो लंबे से दोनों हैडपंप खराब पड़े हैं। और गांव के अन्य हैडपंपों से दबंग पानी नहीं भरने देते हैं। कहते हैं कि यह हैडपंप हमारी जगह में लगे हैं, इसलिए यहां से पानी नहीं भरोगे। इसलिए मजबूरन आदिवासी प्राचीन कुआं से पानी भर रहे थे। अचानक कुआं का पानी प्रदूषित हो गया और उसके सेवन से लोग उल्टी दस्त से पीडि़त हो गए। अगर गांव के हैडपंप चालू होते तो लोग बीमार नहीं होते। जून माह में आदिवासी बस्ती के लिए एक हैडपंप मंजूर हुआ था। लेकिन उसको गांव के बाद डांडे (मिट्टी का टीला)पर बघेलों के देवता के मंदिर पर खनन किया गया लेकिन वहां पानी नहीं निकला। अगर यह हैडपंप गांव में खनन होता तो पानी की समस्या हल हो सकती थी ।
बरही पुरा की आदिवासी बस्ती में दो हैडपंप थे, वह खराब थे, उनको सोमवार को दुरस्त कर दिया है। अब गांव के कुएं से पानी पीने की मना कर दिया है। हैडपंप पर कब्जे की शिकायत हमको नहीं मिली है ।
एस के पांडे, सब इंजीनियर, पीएचई
आवाज बंद हो गई सब इंजीनियर की
बरई पुरा गांव में कुआं के पानी पीने से बीमार होने की खबर सुनकर पीएचई विभाग के सब इंजीनियर एस के पांडे अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे और उन्होंने बरई पुरा में आदिवासी बस्ती व स्कूल परिसर के खराब हैंडपंप को दुरस्त किया। इन हैंडपंपों की सूचना इनको पहले से थी लेकिन इन्होंने गंभीरता से नहीं लिया अगर ये हैडपंप पहले दुरस्त हो जाते तो गांव में बीमारी नहीं फैलती है। इस बीमारी फैलने के पीछे कहीं न कहीं पीएचई विभाग भी जिम्मेदार है। जब सब इंजीनियर पांडे से पूछा कि गांव के सरकारी हैडपंपों पर दबंगों को कब्जा है और वह आदिवासियों को पानी नहीं भरने देते हैं आपका विभाग कार्रवाई क्यों नहीं करता तो उन्होंने मोबाइल काट दिया ।
कुएं का दूषित पानी पीने से लगभग 11 लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत है। टीम को गांव में भेज दिया है। वहीं आठ लोग अस्पताल लाए गए हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। कुएं के पानी का सेंपल लेकर जांच के लिए मुरैना भेजा है ।
डॉ. एस आर मिश्रा, बीएमओ, कैलारस
Published on:
28 Aug 2018 02:07 pm
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