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महाराष्ट्र: शिवसेना उद्धव गुट और वंचित बहुजन आघाडी का हुआ गठबंधन, क्या MVA को होगा फायदा?

Shiv Sena Uddhav Thackeray Vanchit Bahujan Aghadi Alliance: मुंबई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने गठबंधन को लेकर जानकारी दी। इस मौके पर राज्यसभा सांसद संजय राउत भी मौजूद रहे। उद्धव ठाकरे ने कहा, इस सपने का महाराष्ट्र की जनता इंतजार कर रही थी।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jan 23, 2023

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प्रकाश अंबेडकर और उद्धव ठाकरे

Uddhav Thackeray Prakash Ambedkar Alliance: आखिरकार उद्धव ठाकरे की शिवसेना और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी (VBA) की बीच गठबंधन पर मुहर लग गई। प्रकाश अंबेडकर और उद्धव ठाकरे ने आज एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और गठबंधन की घोषणा की। इसके साथ ही महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी (MVA) में चौथा दल शामिल हुआ है। वीबीए और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) राज्य में अब मिलकर आगामी चुनाव लड़ेंगे। इसलिए बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। इसके अलावा इस नए गठबंधन- शिवशक्ति और भीमशक्ति के मिलन के राजनीतिक और सामाजिक रूप से दूरगामी परिणाम समझे जा रहे है।

मुंबई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने गठबंधन को लेकर जानकारी दी. इस मौके पर राज्यसभा सांसद संजय राउत भी मौजूद रहे। उद्धव ठाकरे ने कहा, इस सपने का महाराष्ट्र की जनता इंतजार कर रही थी। ऐसा प्रयोग पहले किया गया था। लेकिन प्रकाश अंबेडकर और हम (शिवसेना) पहली बार एक साथ आए हैं। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र के कस्बा पेठ उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी का नाम फाइनल? सामने आई यह बड़ी अपडेट

उन्होंने कहा, “अंबेडकर और ठाकरे नाम का एक इतिहास है। हमारे दादाजी एक दूसरे के समकालीन और सहयोगी रहे थे। दोनों ने उस समय की कुरीतियों पर प्रहार किया था। अभी भी राजनीति में गलत चीजें हो रही है। इसीलिए हम साथ आए हैं। हमारे लिए देश सबसे पहले है, इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर हम साथ आए हैं। एक भ्रम फैलाया जा रहा है। तानाशाही ऐसी ही होती है। लोगों को गुमराह कर, वाद-विवाद में उलझाकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया जा रहा है। देश को इस वैचारिक प्रदूषण से मुक्त करने और देश में लोकतंत्र को जीवित रखने और संविधान की पवित्रता को बरकरार रखने के लिए हम साथ आ रहे हैं।“

उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। लोगों के सवालों को अनसुना किया जा रहा है। जो आवश्यक नहीं उस पर ध्यान दिया जा रहा है। देश को गुमराह करने का काम चल रहा है। इस पृष्ठभूमि में देश के भविष्य के बारे में सोचते हुए हम दोनों ने साथ आने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि हम स्थिति के अनुसार तय करेंगे कि हमारे गठबंधन का राजनीतिक रूप कैसा होगा।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से चर्चा इस गठबंधन की चर्चा जोरों पर चल रही थी। अंबेडकर और ठाकरे के बीच दो मुलाकातें भी हुईं। प्रकाश अंबेडकर ने शिवसेना के साथ गठबंधन करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने इसका प्रस्ताव उद्धव ठाकरे को भी भेजा था। जिस पर उद्धव ठाकरे ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। उसके बाद दोनों नेताओं के बीच गठबंधन पर चर्चा हुई।

पॉलिटिकल पंडितों का कहना है कि वैचारिक मतभेद के बावजूद दोनों दलों ने अपनी जमीनी पकड़ को मजबूत करने के लिए एकसाथ आने का निर्णय लिया है। गठबंधन के जरिए फूट का सामना कर रहे उद्धव अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे, तो वहीँ प्रकाश अंबेडकर डॉ. भीमराव अंबेडकर की राजनीतिक विरासत को मजबूती से आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि इस गठबंधन से एमवीए को कितना फायदा होगा? जिसका जवाब आगामी चुनावों में गठबंधन के प्रदर्शन से मिल जायेगा।