
दो फाड़ शिवसेना पर कब्जे की जंग: पार्टी दफ्तर में लगाई शिंदे की तस्वीर
मुंबई. दो फाड़ शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई तेज हो गई है। बगावत के बाद मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे का खेमा और उद्धव ठाकरे गुट पहले से सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में हैं। कानूनी लड़ाई के बीच दोनों खेमों के समर्थक भी आमने-सामने हैं। उद्धव को झटका देने के बाद शिंदे गुट पार्टी की शाखाओं में परचम लहराना चाहता है। ठाणे शहर में वर्चस्व स्थापित करने के बाद शिंदे समर्थक मंगलवार को डोंबिवली पहुंचे। वहां स्थित पार्टी की केंद्रीय शाखा में दिवंगत बालासाहेब और उद्धव की तस्वीर के बगल में सीएम शिंदे व उनके सांसद बेटे श्रीकांत की फोटो लगा दी। इसका विरोध करने पर उद्धव और शिंदे समर्थकों के बीच जम कर मारपीट हुई। इसके बाद डोंबिवली में तनाव है। शिवसेना शाखा के आसपास पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
40 विधायक, 12 सांसद शिंदे के साथ
विदित हो कि शिवसेना के कुल 55 में से 40 विधायक और 19 में से 12 सांसद शिंदे के साथ हैं। बगावत के बाद शिंदे ने राज्य में भाजपा के साथ सरकार बनाई है। शिंदे की बगावत के बाद उद्धव को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोडऩी पड़ी। दो तिहाई विधायकों, सांसदों और पूर्व पार्षदों के समर्थन का हवाला देते हुए शिंदे गुट ने खुद को असली शिवसेना बता रहा है।
चुनाव चिन्ह पर दावा ठोका
चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल कर शिंदे गुट ने पार्टी और चुनाव चिन्ह पर दावा ठोका है। दोनों पक्षों से आयोग ने 8 अगस्त तक सबूतों के साथ जवाब मांगा है। उद्धव गुट ने आयोग के नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दोनों खेमों की याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा के नेतृत्ववाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है।
Published on:
03 Aug 2022 12:22 am
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