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नए वर्ष में ट्रांस हार्बर पर चलेगी एसी लोकल

ट्रांस-हार्बर कॉरिडोर पर 12 लोकल ट्रेनों की कुल 264 सेवाएं चलतीं हैं

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नए वर्ष में ट्रांस हार्बर पर चलेगी एसी लोकल

नए वर्ष में ट्रांस हार्बर पर चलेगी एसी लोकल

मुंबई. सेंट्रल रेलवे ने नए वर्ष से ट्रांस-हार्बर (ठाणे-वाशी-पनवेल) कॉरिडोर पर एसी ट्रेन चलाने की तैयारी की है। सात दिसंबर को सेंट्रल रेलवे की पहली एसी लोकल कुर्ला में पहुंची। इसके बाद बुधवार को सेंट्रल रेलवे ने यात्री संघों के साथ मीटिंग के बाद लोकल ट्रेनों को ट्रांस-हार्बर में चलाने का निर्णय लिया है। इस बैठक में 13 यात्री संघटनों ने हिस्सा लिया था। बैठक में यात्री संघटनों की एसी लोकल को लेकर कई मांगे थी। बता दें कि पत्रिका ने एक महीने पहले ही बता दिया था कि सेंट्रल रेलवे की पहली एसी लोकल ट्रांस हार्बर पर चलेगी। सूत्रों की माने तो दूसरी लोकल को स्टैंड बाई रखा जाएगा। तीसरी और चौथी लोकल मिलने के बाद यह तय किया जाएगा कि उसे हार्बर या मेन लाइन पर चलाया जाए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसी लोकल की शुरुआत के बाद सामान्य कोच यात्रियों को मौजूदा लोकल ट्रेन के एक प्रथम श्रेणी कोच में सवार होने की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है। अधिकारियों को कहना है कि एसी लोकल चलने से सामान्य श्रेणी के यात्रियों को कोई नुकसान न हो इसके लिए यह कदम उठाया जा रहा है। गौरतलब है कि ठाणे और वाशी के बीच ट्रांस-हार्बर कॉरिडोर पर 12 लोकल ट्रेनों की कुल 264 सेवाएं चलतीं हैं। जब भी सेंट्रल रेलवे इस कॉरिडोर पर एक एसी लोकल चलाने का फैसला करता है, उसे इन 12 लोकल ट्रेनों की सेवाओं से एक नॉन-एसी रेक वापस लेना होगा। नॉन-एसी ट्रेन के स्थान और समय पर एसी ट्रेन की सेवाओं को चलाने पर विचार किया जा रहा है।
सेंट्रल रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक 12 डिब्बों की सामान्य ट्रेन में 3 प्रथम श्रेणी और 9 सामान्य वर्ग हैं, जिनमें कोचिंग, महिलाओं, विकलांगों के लिए आरक्षित डिब्बे शामिल हैं। एसी ट्रेन की शुरुआत का मतलब होगा कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों की एक ट्रेन को कम करना। एक ट्रेन कम होने पर नौ डिब्बे कम होंगे। इसे देखते हुए हम सामान्य श्रेणी के यात्रियों को एक प्रथम श्रेणी कोच में प्रवेश करने की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं। इससे सामान्य श्रेणी के लोगों को ट्रेन कम होने से नुकसान नहीं होगा। इधर एसी लोकल में फर्स्ट क्लॉस के लोग जाएंगे तो फर्स्ट क्लॉस के लोगों को भी नुकसान नहीं होगा। पहली श्रेणी अलग-अलग सामान्य और महिला यात्रियों के लिए आनुपातिक रूप से विभाजित की जा सकती है। वर्तमान में फर्स्ट क्लॉस में 90 सीटिंग के साथ पहले कोच की वहन क्षमता 300 (सुपर-डेंस लोड) है। सीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि हम इस बात को देख रहे हैंं कि आम यात्रियों को नुकसान पहुंचाए बिना किस तरह से एसी लोकल चलाई जा सकती है। सेंट्रल रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कि हम भी वेस्टर्न रेलवे की तरह फस्ट क्लास यात्री से डिफरेंस किराया लेकर एसी लोकल में सफर करने का प्रावधान करने पर विचार कर रहे हैं।