यह पूरा घटनाक्रम मंगलवार दोपहर को दिल्ली में अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस के बीच हुई बैठक के बाद ही शुरू हुआ। ऐसे में माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के सियासी हलचल में अमित शाह की भी एंट्री हो गई है और इसके बाद महाराष्ट्र में बीजेपी सुपर ऐक्टिव हो गई हैं।
मंगलवार को अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस के बीच हुई बैठक में महेश जेठमलानी समेत कई दिग्गज वकील भी मौजूद थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में सरकार के गठन और कानूनी विकल्पों को लेकर लंबी चर्चा की गई। बीजेपी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में यह बात भी सामने आई कि यदि फ्लोर टेस्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो क्या होगा? पहले ही बीजेपी ने शिवसेना के बागी नेताओं और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने के संकेत दे दिया था। अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस के बीच इस मुद्दे पर करीब दो घंटे तक बैठक हुई थी।
इस बैठक में सरकार के गठन, मंत्रालयों के बंटवारे और भी कई बातों पर चर्चा हुई। अमित शाह से मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इन दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बैठक हुई थी। अमित शाह से मुलाकात के दौरान सारी रणनीति तैयार की गई। इस मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस तुरंत मुंबई वापस आ गए और फिर शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर बहुमत परीक्षण की मांग रख दी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव सरकार को नोटिस जारी कर 30 जून को बहुमत साबित करने के लिए कहा है। राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के आदेश के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर महाराष्ट्र के राज्यपाल के उस निर्देश को चुनौती दी है जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को महाविकास अघाड़ी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कल विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था। इस पर आज शाम 5 बजे सुनवाई होने वाली है।