
anil ambani file photo
(पत्रिका ब्यूरो,मुंबई): पिछले कई दिनों से कांग्रेस ने देश भर में विभिन्न स्थानों पर रिलायंस ग्रुप पर रफाल डील को लेकर आरोप लगाने का सिलसिला जारी रखा है। इस पर रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी भी सामने आए और सोमवार को चिट्ठी के जरिये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए ग्रुप पर लगे आरोप को निराधार बताया। फ्रांस के रफाल विमान सौदे पर देश में गर्म होते राजनीतिक पारे के बीच अनिल अंबानी ने कहा कि यह डील रक्षा मंत्रालय से प्राप्त नहीं हुई थी। देश में आने वाले सभी 36 विमानों का निर्माण फ्रांस में ही होगा और इसमें रिलायंस ग्रुप एक भी रुपया खर्च नहीं कर रही है। फ्रांस की इस डील को पहले हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने नजरअंदाज किया, फिर बाद में डसॉल्ट ने रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को चुना, जिसमें रक्षा मंत्रालय का कोई लेना-देना नहीं है।
अनिल अंबानी ने अपने पत्र में आगे कहा कि कांग्रेस का आरोप है कि पेरिस में 10 अप्रेल 2015 को फ्रांस और भारत सरकार के रफाल डील की घोषणा से मात्र दस दिन पहले ही रिलायंस ग्रुप ने डिफेंस मैन्युफैक्चर की घोषणा की थी, जबकि ये गलत है। सच्चाई तो यह है कि रिलायंस ग्रुप ने डिफेंस मैन्युफैक्चर में आने की घोषणा दिसंबर 2014 में ही कर दी थी, फिर इसके बाद फरवरी 2015 में रिलायंस ने स्टॉक एक्सचेंज को कंपनी इनकॉरपोरेट करने की जानकारी दी। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने रफाल डील को सबसे बड़ा घोटाला करार दिया था।
बता दें कि रफाल फाइटर प्लेन का यह मुद्या संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान भी गर्मा गया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस संबंध में रक्षामंत्री निर्मला सितारमण पर आरोप लगाते हुए सवालों की झड़ी लगा दी थी। इसी के साथ कांग्रेस इस मुद्ये पर केंद्र सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की योजना बना रही है।
Published on:
20 Aug 2018 09:00 pm
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