31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शिवसेना नेता हत्याकांड में अरुण गवली को मिली जमानत, 18 साल बाद जेल से बाहर आ सकता है कुख्यात डॉन

Arun Gawli Bail: अरुण गवली को जमानत ऐसे समय पर मिली है जब कुछ ही महीनों में मुंबई में बीएमसी चुनाव हो सकते हैं।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Aug 28, 2025

Supreme Court Grants Arun Gawli bail

अरुण गवली (Photo: IANS/File)

शिवसेना के दिवंगत नगरसेवक कमलाकर जामसंडेकर हत्या (Kamlakar Jamsandekar) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात डॉन अरुण गवली (Don Arun Gawli) उर्फ 'डैडी' को जमानत दी है। इस मामले में गवली 18 वर्षों से जेल में बंद है। अरुण गवली कई बार जमानत के लिए अदालत का रुख कर चुके थे, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिल पाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वह जेल से बाहर आ सकते हैं।

जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि अरुण गवली 17 साल और तीन महीने से जेल में है और उसकी अपील लंबित है। इस तथ्य पर भी गौर करते हैं कि वह 76 साल का है। शीर्ष अदालत ने गवली को निचली अदालत की ओर से निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन जमानत दे दी। साथ ही, इस मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी 2026 में निर्धारित की गई।

गवली को 2006 में शिवसेना नेता कमलाकर जामसंडेकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कमलाकर जामसंडेकर की हत्या (Kamlakar Jamsandekar Murder Case) 2 मार्च 2007 को घाटकोपर में हुई थी। कमलाकर जामसंडेकर अपने घर में टीवी देख रहे थे, तभी शूटर उनके घर में घुस आए और अंधाधुंध गोलियां चलाई। इस हमले में जामसंडेकर की मौके पर ही मौत हो गई थी। उस समय अरुण गवली विधायक थे। इस हत्याकांड में गवली समेत कुल 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि तीन अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

18 साल बाद जेल से हो सकती है रिहाई

गौरतलब हो कि कमलाकर जामसंडेकर की हत्या के कुछ दिन पहले ही मुंबई महापालिका चुनाव (BMC Election) हुआ था। इस चुनाव में जामसंडेकर ने अरुण गवली के पक्ष के उम्मीदवार अजित राणे को केवल 367 मतों से हराया था।

अरुण गवली पहले एक अन्य मामले में नागपुर जेल में बंद थे, जहां उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिली थी। लेकिन कमलाकर जामसंडेकर हत्या मामले में उन्हें जमानत नहीं मिल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में उनका जमानत आवेदन मंजूर कर दिया है, जिससे 18 साल बाद अरुण गवली के जेल से बाहर आने का रास्ता खुलता दिख रहा है।

मुंबई के दगड़ी चॉल के रहने वाले अरुण गवली पर कई गंभीर मामले दर्ज है। गवली 2004-2009 के दौरान विधायक भी था। दिलचस्प बात यह है कि अरुण गवली को जमानत ऐसे समय पर मिली है जब कुछ ही महीनों में मुंबई में बीएमसी चुनाव होने की संभावना है।