
मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाए की मांग महाराष्ट्र में जोर पकड़ रही है। सत्तारूढ़ महायुति के साथ ही विपक्ष के नेता भी क्रूर शासक का औरंगाबाद स्थित कब्र हटाने की मांग कर रहे है। औरंगजेब को छत्रपती संभाजीनगर (औरंगाबाद) से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में दफनाया गया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा था कि औरंगजेब की मजार को हटाया जाना चाहिए, लेकिन यह कानून के दायरे में किया जाना चाहिए, क्योंकि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इस स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षण में दे दिया था।
मुंबई में शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए सीएम फडणवीस ने कहा था, "सभी लोग यह चाहते हैं कि औरंगजेब की कब्र हटाई जानी चाहिए, लेकिन इसे कानून के दायरे में करना होगा, क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है। इस स्थल को कुछ साल पहले कांग्रेस शासन के दौरान एएसआई के संरक्षण में दे दिया गया था।"
उन्होंने स्पष्ट कहा कि कब्र का संरक्षण एक कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ था और इसे हटाने या उसमें बदलाव करने के लिए भी कानून का पालन करना होगा। इस मुद्दे पर जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है।
फडणवीस का यह बयान राज्य में औरंगजेब की कब्र को लेकर बढ़ते विवाद के बीच आया है। कई नेता और धार्मिक संगठन के साथ ही शिवाजी महाराज के वंशज भी औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं। कुछ दिन पहले मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने भी छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब के मजार को हटाने की मांग की है।
वहीँ, इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अगर सीएम फडणवीस ऐसा करना चाहते हैं तो करें, उन्हें किसने रोका है। उनको औरंगजेब की कब्र कानून के मुताबिक हटाना है तो हटाइए। वह लगातार इसे हटाने की बात करते हैं लेकिन उनके बोलने और करने में अंतर दिखता है, क्योंकि बीजेपी बातें करके केवल मुद्दों को उठाती है। जब काम करने की बारी आती है तो वह मुंह छुपा लेते हैं।
औरंगजेब की कब्र हटाए जाने के सवाल पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि लोग कई साल से औरंगजेब की कब्र को सहन कर रहे है। और अब अबू आजमी ने क्रूर शासक की तारीफ कर लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है। औरंगजेब के कब्र की जरूरत क्या है? जनभावना है कि जिसने हिंदुओं को तकलीफ दी, मंदिरों को तोड़ा, हिंदुओं पर अत्याचार किए, ऐसे इंसान की कब्र को क्यों रखना चाहिए है और उस पर पैसे खर्च करने की जरुरत क्या है। इतिहास के पन्नों से भी औरंगजेब का नाम मिटाना चाहिए।
हिंदू जनजागृति समिति ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर मोर्चा खोला है. हिंदू संगठन की ओर से एक आरटीआई के तहत यह जानकारी सामने आई थी कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने 2011 से 2023 तक लगभग 6.5 लाख रुपये खर्च किए हैं। जबकि दूसरी ओर सिंधु दुर्ग किले पर स्थित राज राजेश्वर मंदिर के रखरखाव के लिए साल भर में केवल 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
हिंदू जनजागृति समिति ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय पुरातत्व विभाग औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर इतना पैसा खर्च कर रहा है, जबकि अन्य धार्मिक स्थलों के रखरखाव में भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर इतना खर्च क्यों किया जा रहा है।
बता दें कि मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर से सपा विधायक अबू आजमी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा में औरंगजेब की प्रशंसा करने के चलते इस मामले ने तूल पकड़ा। हालांकि समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक को उनकी टिप्पणी के कारण बुधवार को पूरे बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया।
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Updated on:
11 Mar 2025 10:13 am
Published on:
10 Mar 2025 09:53 pm
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