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महाराष्ट्र में निकाय चुनाव का बिगुल बजने से पहले महायुति सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची में 29 नई जातियों को शामिल कर सकती है। ओबीसी की सूची को और विस्तारित करने की दिशा में भाजपा नीत महायुति सरकार ने अहम कदम उठाया हैं।
जानकारी के मुताबिक, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 नई जातियों को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की सिफारिश राज्य सरकार को भेजी है। सरकार की मंजूरी मिलते ही यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार को ओबीसी जातियों की सूची तैयार करने का अधिकार है।
महाराष्ट्र में पहले से ही ओबीसी की सूची काफी लंबी है। फिलहाल लगभग 351 मूल जातियां और उनकी कई उपजातियां इस वर्ग में शामिल हैं। इसके अलावा निराश्रित जातियां, खानाबदोश जातियां, जनजातियां, खानाबदोश जनजातियां और विशेष पिछड़ा वर्ग जैसी श्रेणियां भी सूची में मौजूद हैं। इसी आधार पर इन जातियों को आरक्षण का लाभ दिया जाता है।
महाराष्ट्र में ओबीसी वर्ग में पहले से माली, कुनबी, धनगर, वंजारी, तेली जैसी प्रमुख जातियां भी शामिल हैं। कई अन्य समाज भी लगातार अपनी जातियों को इस सूची में शामिल किए जाने की मांग करते रहे हैं। तदनुसार, पिछड़ा वर्ग आयोग ने संबंधित जाति समूहों से जुड़े साक्ष्यों और दस्तावेजों की जांच करने के बाद 29 और जातियों को ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश की।
आयोग ने जिन जातियों का प्रस्ताव भेजा है, उनमें लोध, लोधा, लोधी, बडगुजर, पेंढारी, वीरशैव लिंगायत, लिंगायत गुरव साथ ही लिंगायत में जंगम, न्हावी, तेली, धोबी, माली, फुलारी, सुतारी, पोवार, भोयर, पवार, गुजर, रेवा गुजर, सूर्यवंशी गुजर, बेलदार, सलमानी, किराड, डांगरी, कलवार, कुलवंत वाणी, वाणी, नेवेवाणी, कुमावत, वरठी, पटवा, परिट, निषाद, मल्लाह, ईस्ट इंडियन, , ईस्ट इंडियन ईसाई, शेगर, कानोडी, गवलान और दोरी जैसी जातियां शामिल हैं।
राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। अगर केंद्र से मंजूरी मिलती है, तो ओबीसी की सूची में इन 29 जातियों का भी समावेश होगा और उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
Updated on:
22 Aug 2025 10:53 am
Published on:
22 Aug 2025 10:52 am
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