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राज ठाकरे को बड़ा झटका! हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग को भेजा नोटिस

Raj Thackeray MNS Hate Speech : याचिका में उत्तर भारतीयों के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ बयान देने के लिए मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 18, 2025

Raj Thackeray and Uddhav Thackeray unite

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे (Photo: IANS)

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे की मुसीबत बढ़ गयी हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उत्तर भारतीयों को निशाना बनाकर ठाकरे के कथित नफरती भाषणों के मामले में दायर याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के कथित भड़काऊ बयानों को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई की और महाराष्ट्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को चार हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

यह याचिका अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों को निशाना बनाकर नफरत फैलाने वाले भाषण दिए हैं और उनकी पार्टी मनसे के कार्यकर्ताओं ने समुदाय के लोगों के साथ कई बार मारपीट की।

याचिकाकर्ता ने राज ठाकरे के खिलाफ उत्तर भारतीयों को निशाना बनाकर नफरती भाषण देने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने और उनकी पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है।

हालांकि सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील सुभाष झा से कहा कि याचिका में ‘उत्तर भारत’ या ‘दक्षिण भारत’ जैसे शब्दों का उपयोग न किया जाए।

इस पर झा ने दलील दी कि चुनावी माहौल में राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों को लेकर कई भड़काऊ बयान दिए, जो रिकॉर्ड पर मौजूद हैं। इस पर पीठ ने कहा, “हो सकता है यह सही हो, लेकिन दलीलों में ऐसी भाषा जोड़ने की जरूरत नहीं है। ‘हेट स्पीच’ लिखना ही पर्याप्त है।”

इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें राज ठाकरे और मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंदी भाषी लोगों पर कथित हमलों के मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय ने इस मुद्दे पर प्रशासन को लिखित शिकायत भी दी थी, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।

अब हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है। आने वाले समय में इस मामले पर होने वाली अगली सुनवाई काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर तब जब राज्य में निकाय चुनावों का बिगुल बज चुका है और मराठी-हिंदी भाषा का मुद्दा गरमाया हुआ है।