शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि बीजेपी को इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से माफी मांगनी चाहिए। यूपीए सरकार के दौरान जब यह मामला सामने आया था तो प्रफुल्ल पटेल केंद्रीय नागर विमानन मंत्री थे। पटेल अब अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में हैं, उन्हें हाल ही में राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। अजित दादा की एनसीपी बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन का हिस्सा है।
सीबीआई ने कांग्रेस नीत यूपीए के शासन काल में एअर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स के विलय से बनी कंपनी एनएसीआईएल द्वारा विमानों को लीज पर लेने में कथित अनियमितताओं की जांच पर क्लोजर रिपोर्ट दायर की है. कई वर्षों की जांच में गड़बड़ी होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
शुक्रवार को मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा, बीजेपी ने मनमोहन सिंह के कार्यकाल में इस कथित भ्रष्टाचार को लेकर बहुत हल्ला मचाया था। अब जब जांच रिपोर्ट में सब साफ हो गया है तो बीजेपी को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से माफी मांगनी चाहिए।
एअर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स के विलय के बाद ‘नेशनल एविएशन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (एनएसीआईएल) कंपनी बनाई गई थी। सीबीआई का आरोप था कि फैसला बेइमानी से किया गया था और अधिग्रहण की प्रक्रिया चालू रहते हुए भी विमान लीज पर लिए गए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मई 2017 में सीबीआई ने एयर इंडिया के लिए विमान लीज पर लेने में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और एयर इंडिया के अधिकारियों पर मामला दर्ज किया था।
तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल पर एयर इंडिया के लिए बड़ी संख्या में विमान लीज पर लेने के लिए एमओसीए, एयर इंडिया और निजी कंपनी के अधिकारियों के साथ मिलकर कथित भ्रष्टाचार की साजिश रचने और अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था। इससे 2007-09 के दौरान 840 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ और पांच बोइंग 777 और पांच बोइंग 737 बेकार खड़े रहे।