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शरद पवार की गुगली में फंस गए थे फडणवीस? BJP के साथ रातोरात सरकार बनाकर खेला डबल गेम

Sharad Pawar on Devendra Fadnavis: शरद पवार ने देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया कि जब मै अपने अपने फैसले से पीछे हट गया था तो गुपचुप शपथ ग्रहण की जरुरत ही क्यों पड़ी थी।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jun 30, 2023

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देवेंद्र फडणवीस और शरद पवार

Sharad Pawar Vs Devendra Fadnavis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने दावा किया की 2019 की अल्पकालिक देवेंद्र फडणवीस-अजित पवार सरकार का गिराना उनकी सियासी गुगली का नतीजा था। वरिष्ठ नेता के इस दावे ने राजनीतिक नेताओं की भौंहें चढ़ा दी हैं। शरद पवार ने कहा कि फडणवीस-पवार की सरकार के गिरने से यह उजागर हुआ कि बीजेपी सिर्फ सत्ता में रहने के लिए किसी के भी साथ हाथ मिला सकती है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने फडणवीस के उस बयान के जवाब में यह बात कही, जिसमें बीजेपी नेता ने कहा था कि एनसीपी प्रमुख बीजेपी के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन 3-4 दिनों में वह पीछे हट गए। इस वजह से अजित पवार (Ajit Pawar) के पास उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। 23 नवंबर 2019 की सुबह फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। यह भी पढ़े-NCP: परिवारवाद के आरोपों पर सुप्रिया सुले बोलीं- मेरा काम भी देखिये... अजित पवार मेरे नेता हैं

हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले भी यह बात कही है, लेकिन इस बार शरद पवार ने इस पर प्रतिक्रिया देकर सियासी पारा चढ़ा दिया है। शरद पवार ने फडणवीस से सवाल किया कि जब मै अपने फैसले से पीछे हट गया था तो शपथ ग्रहण की जरुरत ही क्यों पड़ी थी। उन्होंने कहा “मैंने नीति बदल दी, तो फिर उन्होंने सुबह-सुबह गुप्त तरीके से शपथ क्यों ली?

फडणवीस बताएं गुगली कामयाब हुई या नहीं- पवार

पवार ने निशाना साधते हुए आगे कहा, ''राज्य की जनता के लिए यह जानना जरूरी था कि बीजेपी नेता सत्ता में न रहने पर कितने बेचैन होते हैं।'' उन्होंने इसे समझाते हुए पत्रकारों से कहा “मुझे नहीं पता कि यह ट्रैप था या कुछ और। आप (मीडिया) फैसला करें, लेकिन मैं आपको बता दूं कि यह क्या था...'' पवार ने कहा कि वह भारतीय क्रिकेटर सादु शिंदे (Sadu Shinde) को जानते हैं, जिन्होंने कई दिग्गजों का विकेट लेने के लिए गुगली फेंकी थी। उन्होंने कहा “मैं क्रिकेट नहीं खेलता, लेकिन आईसीसी अध्यक्ष के रूप में मैं जानता था कि गुगली कैसे फेंकी जाती है। फडणवीस को खुद हमें बताना चाहिए कि मेरी गुगली ने उनका विकेट ले लिया था।''


पवार से सच बोलवाऊंगा- फडणवीस

शरद पवार पर पलटवार करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि वह पवार से सच बुलवाने में कामयाब रहे। बीजेपी नेता ने कहा, “लेकिन यह आधा सच है। मैं जल्द ही उनसे पूरी सच्चाई उगलवाऊंगा। मैं भी जानता हूं कि गुगली कैसे फेंकी जाती है। मेरी एक गुगली से कुछ सच्चाई सामने आ गई है। बाकि सच्चाई अगली से सामने आ जाएगी।“

शरद पवार ने खेला डबल गेम?

हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “शरद पवार के पीछे हटने के बाद अजित पवार और क्या कर सकते थे? क्योंकि हमने सारी तैयारियां कर ली थी, इसलिए उन्हें मेरे साथ आना पड़ा। हमने शपथ ली और अजित सोच रहे थे कि पवार साहब हमारे साथ आएंगे क्योंकि हमारे बीच कई बार बैठक हुई थी, रणनीति बनी थी। मैं यह फिर से स्पष्ट करना चाहता हूँ कि शरद पवार ने ही सरकार बनाने की कवायद शुरू की थी।” फडणवीस ने बताया, “लेकिन शरद पवार हमारे साथ नहीं आए। मैं यह नहीं कहूंगा कि उन्होंने हमारी पीठ में छुरा घोंपा। बल्कि मैं कहूंगा कि उन्होंने डबल गेम खेला।”

मालूम हो कि महाविकास आघाडी (एमवीए) के गठन की चर्चा के बीच 2019 में अजित पवार ने महाराष्ट्र में अल्पकालिक सरकार बनाते हुए रातोंरात फडणवीस के साथ हाथ मिलाया था। तब फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हालांकि यह सरकार तीन दिन में ही गिर गई। दरअसल महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना ने बीजेपी का दामन छोड़ा था। जिसके बाद कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना का गठबंधन (MVA) अस्तित्व में आया।

बता दें कि फडणवीस-पवार की सरकार के गठन से पहले महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन भी हट गया था। एक आदेश जारी कर देवेंद्र फडणवीस के दोबारा सीएम पद की शपथ लेने से दो घंटे पहले 23 नवंबर 2019 की सुबह 5:47 बजे राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया। दरअसल, 12 नवंबर 2019 में किसी पार्टी या गठबंधन द्वारा सरकार नहीं बनाये जाने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। फडणवीस-अजित पवार की सरकार गिरने के बाद एमवीए ने सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने और उप-मुख्यमंत्री का पद फिर से अजित पवार को मिला।