
उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे (Photo: IANS/File)
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित ‘मातोश्री’ आवास के पास रविवार सुबह एक ड्रोन उड़ता हुआ दिखाई दिया, इससे हड़कंप मच गया। यह इलाका नो-ड्रोन जोन के साथ ही उच्च सुरक्षा क्षेत्र भी है। ठाकरे गुट ने इसे संभावित जासूसी का मामला बताया और कार्रवाई की मांग की। हालांकि घटना के समय उद्धव ठाकरे घर पर मौजूद नहीं थे और मराठवाड़ा दौरे पर थे।
उद्धव के बेटे और शिवसेना (उबाठा) विधायक आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि ड्रोन मातोश्री के अंदर झांकने की कोशिश कर रहा था और जब उसे देख लिया गया तो तुरंत उड़ गया। ठाकरे ने एक्स पर लिखा, "आज सुबह एक ड्रोन हमारे घर में झांकते हुए पकड़ा गया और जब मीडिया को इसकी जानकारी मिली, तो एमएमआरडीए अधिकारी कह रहे हैं कि यह मुंबई पुलिस की अनुमति से किया जा रहा एक सर्वेक्षण था।
शिवसेना उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता अनिल परब और अंबादास दानवे ने इसे गंभीर सुरक्षा उल्लंघन का मामला बताते हुए जांच की मांग की। अनिल परब ने कहा कि ठाकरे को Z+ सुरक्षा मिली है, ऐसे में यह घटना बेहद संवेदनशील है और किसी खतरनाक साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के पुत्र उद्धव वर्तमान में एमएलसी हैं और राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके है, उन्हें जेड+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। घटना के बाद खेरवाडी पुलिस की टीम भी मातोश्री गई और मामले की जानकारी ली।
हालांकि, कुछ ही देर बाद मुंबई पुलिस ने सफाई दी कि यह ड्रोन मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) की ओर से चल रहे पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट के सर्वे का हिस्सा था। पुलिस ने बताया कि 8 से 16 नवंबर के बीच बीकेसी-खेरवाडी बेल्ट में ड्रोन सर्वे की अनुमति दी गई है। इसी क्षेत्र में ठाकरे का मातोश्री बंगला भी है।
लेकिन मुंबई के वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने पुलिस के स्पष्टीकरण पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर यह सर्वे अधिकृत था तो निवासियों को पहले से क्यों नहीं बताया गया? क्या MMRDA का सर्वे सिर्फ हमारे घर के ऊपर होना था?”
उन्होंने मुंबई के बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि MMRDA को निगरानी नहीं, बल्कि जमीन पर काम सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक इसका ताजा उदाहरण है, जहां भ्रष्टाचार और घटिया काम सामने आया है।
वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना की प्रवक्ता शीतल म्हात्रे ने पूरे मामले को सियासी ड्रामा बताया। उन्होंने कहा, एमएमआरडीए को पुलिस की पूरी अनुमति मिली थी। यह एक सामान्य सर्वे काम है। लेकिन इसे मुद्दा बनाकार उद्धव गुट निकाय चुनाव में सहानुभूति पाना चाहता है। इसलिए पुलिस से बात करने के बजाय वे सीधे मीडिया में पहुंच गए। उन्हें बस ध्यान खींचना है, न कि सच्चाई जाननी है।
Updated on:
09 Nov 2025 05:45 pm
Published on:
09 Nov 2025 05:07 pm
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