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(पत्रिका ब्यूरो,मुंबई): महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के चलते सरकार ने राज्य में होने वाली 72 हजार नौकरियों की भर्ती पर फिलहाल रोक लगा दी है। देवेंद्र फडनवीस सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए नवंबर माह तक वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर लेंगी । सीएम फडनवीस ने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए आ रही हर तरह की परेशानियों को दूर कर नवंबर तक आरक्षण की नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
वोट बैंक में मराठाओं की अहम भूमिका
फिलहाल सरकार ने मराठा आंदोलनकारियों के आरक्षण और राज्य में सरकारी नौकरियों की भर्ती पर रोक जैसी दोनों मांगों को मान लिया। राज्य भर में मराठा आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा भड़की, जिसमें राज्य भर में आगजनी, तोडफोड़ व आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आईं। आरक्षण को लेकर फडनवीस सरकार निशाने पर थी। वहीं वोट बैंक को देखें तो राज्य में 33 फीसदी मराठा समाज की आबादी है और मराठा समाज के करीब 90 फीसदी लोग हैं। मराठा समाज के छोटे या मूमि हीन किसानों की 288 विधानसभा की 75 सीटों पर हार-जीत तय करने में बड़ी भूमिका रहती है। इसी के चलते बीजेपी इनकी नाराजगी मोल लेने का जोखिम नहीं उठाना चाहती । बहरहाल, कोर्ट में चल रहे इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि पचास फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता ।
नहीं चलने देंगे शीतकालीन सत्र
मराठा आंदोलनकारियों के बैठक में 9 अगस्त को राज्यव्यापी आंदोलन की रणनीति तैयार की गई । साथ ही मुंबई स्थित विक्रोली पार्क साइट में आयोजित बैठक में मराठा क्रांति मोर्चा के बैनर तले मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मराठाओं ने आने वाले शीतकालीन सत्र में अड़चनें पैदा करने की चेतावनी भी दी । उन्होंने कहा कि अगर समय रहते राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया तो वे शीतकालीन सत्र नहीं चलने देंगे ।
Published on:
06 Aug 2018 04:13 pm
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