
RSS हेडक्वार्टर पहुंचे एकनाथ शिंदे (Photo: X/@mieknathshinde)
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे आज पार्टी के मंत्रियों और विधायकों के साथ नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के स्मारक गए और श्रद्धांजलि दी। शिंदे ने रेशिमबाग स्थित स्मृति मंदिर में हेडगेवार और दूसरे संघचालक एम.एस. गोलवलकर के स्मारक पर भी जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनके साथ महाराष्ट्र के गृहराज्य मंत्री योगेश कदम व शिवसेना के अन्य मंत्री भी मौजूद थे।
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जब भी वे नागपुर आते हैं, स्मृति मंदिर जरुर जाते हैं, क्योंकि यहां आने से देशभक्ति की भावना जागृत होती है, प्रेरणा मिलती है और राष्ट्रसेवा, समाज सेवा के लिए नई ऊर्जा प्राप्त होती है। शिंदे ने कहा कि नागपुर संघ की जन्मभूमि है और जो भी यहां आता है, वह प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा लेकर लौटता है। उन्होंने याद दिलाया कि यहीं पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 100 वर्ष पहले आरएसएस की स्थापना की थी और अब संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण अवसर है।
उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख करते हुए कहा कि वे देश को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं और भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर है। शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी आरएसएस की उसी परंपरा और शाखा से जुड़े रहे हैं, जिससे उन्हें भी प्रेरणा मिली। यह बात हम सभी के लिए उत्साह और प्रेरणा देने वाली है। उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारा और सेवा भाव ने देशभर में समाज निर्माण का मजबूत आधार तैयार किया है और नागपुर इस दृष्टि से हमेशा प्रेरणा का केंद्र रहा है।
वहीं, शिवसेना नेता योगेश कदम ने कहा, "शिवसेना और आरएसएस की विचारधारा एक ही है। एक युवा नेता के तौर पर, हमें यहां से जो एनर्जी मिलती है, वह हमारे लिए बहुत जरूरी है, और हमें उसी विचारधारा को आगे बढ़ाना है।"
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र नागपुर में जारी है। एकनाथ शिंदे शिवसेना के विधायकों के साथ पिछले साल भी स्मृति मंदिर गए थे।
अगले साल जनवरी में नागपुर नगर निगम (NMC) के चुनाव होने की संभावना है। इसे देखते हुए शहर की सियासत में हलचल तेज हो गई है और सभी प्रमुख राजनीतिक दल मैदान में उतरने की तैयारी में जुट गए हैं। यह चुनाव तय करेगा कि आने वाले पांच सालों तक नागपुर शहर की बागडोर किसके हाथ में रहेगी। लगातार तीन कार्यकाल से नगर निगम पर काबिज भाजपा एक बार फिर सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी नागपुर में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए सियासी रणनीति तेज कर चुकी है।
Updated on:
14 Dec 2025 01:42 pm
Published on:
14 Dec 2025 01:09 pm
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