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कौन हैं 112 एनकाउंटर करने वाले प्रदीप शर्मा? जिन्हें लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में हुई उम्रकैद

Pradeep Sharma Fake Encounter Case: प्रदीप शर्मा एंटीलिया विस्फोटक और कारोबारी मनसुख हीरेन हत्या मामले में भी आरोपी हैं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Mar 19, 2024

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मुंबई में अंडरवर्ल्ड के कई गुर्गों का खात्मा करने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बड़ा झटका लगा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को 2006 के लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी करार दिया है। इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।

मुंबई में गैंगस्टर छोटा राजन के कथित करीबी सहयोगी रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया की फर्जी मुठभेड़ के मामले में प्रदीप शर्मा को दोषी ठहराया गया है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की खंडपीठ ने प्रदीप शर्मा को बरी करने के सत्र न्यायालय के 2013 के फैसले को रद्द कर दिया है। यह भी पढ़े-Mumbai: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के घर इनकम टैक्स का छापा, कौन हैं पूर्व पुलिस अधिकारी?

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवंबर 2006 के लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में 12 आरोपियों की निचली अदालत की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निचली अदालत ने प्रदीप शर्मा के खिलाफ मौजूद पर्याप्त सबूतों को नजरअंदाज किया। जबकि मामले में उनकी संलिप्तता को स्पष्ट रूप से साबित करने के लिए सबूत हैं।

ट्रायल कोर्ट ने 13 अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया था और प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया था। लेकिन अब हाईकोर्ट ने प्रदीप शर्मा को झटका देते हुए उन्हें सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया।

शर्मा के साथ ही मामले में कुल 13 आरोपियों को हाईकोर्ट ने दोषी माना है। छह अन्य आरोपियों की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया और उन्हें बरी कर दिया।

2013 में सत्र अदालत ने सबूतों के अभाव में प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया और 21 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी। उन 21 आरोपियों में से दो की हिरासत में मौत हो गई। आरोपियों ने अपनी सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जबकि अभियोजन पक्ष और मृतक लखन भैया के भाई रामप्रसाद गुप्ता ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को बरी करने के फैसले के खिलाफ अपील दायर की।

प्रदीप शर्मा ने 1983 में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर मुंबई पुलिस ज्वाइन की थी। मुंबई अंडरवर्ल्ड से संबंधित 300 से अधिक मुठभेड़ों में वें शामिल रहे हैं। जिनमें से 112 एनकाउंटर उनके नाम पर दर्ज हैं।

11 नवंबर 2006 को पुलिस टीम ने लखन भैया को मुंबई के करीब वाशी से राजन गिरोह का सदस्य होने के संदेह में पकड़ा था। बाद में उसी शाम वर्सोवा में नाना नानी पार्क के पास एक फर्जी मुठभेड़ में लखन भैया को मार डाला गया।

प्रदीप शर्मा का विवादों से गहरा नाता रहा है। शर्मा उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास वाहन में विस्फोटक मिलने के मामले में भी आरोपी है। उन पर एंटीलिया बम कांड के साथ ही ठाणे के कारोबारी मनसुख हीरेन की हत्या की साजिश में शामिल होने का भी आरोप है। इस मामले में उन्हें कुछ महीने के लिए जेल भी हुई थी। लेकिन अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया था। हीरेन मुंबई के करीब ठाणे स्थित कार एक्सेसरीज़ दुकान का मालिक था। एंटीलिया बम कांड से हिरेन का कनेक्शन होने के सबूत मिले थे। शर्मा तेलगी फर्जी स्टांप मामले में भी आरोपी थे, लेकिन उन्हें बाद में बरी कर दिया गया था। 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शर्मा ने शिवसेना की तरफ से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गये।