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गौतम अडानी ग्रुप को मिला धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट, 5 हजार करोड़ की लगाई थी बोली

मुंबई का धारावी रिडेवलपमेंट का प्रोजेक्ट आखिरकार गौतम अडानी ग्रुप को मिल गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए अडानी ग्रुप ने 5 हजार करोड़ की सबसे ज्यादा बोली लगाई थी। मंगलवार को इस संबंध में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। जिसके बाद अडानी ग्रुप ने ये बाजी मार ली।

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Dharavi Redevelopment Project

मुंबई में मौजूद एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के नाम से मशहूर धारावी का रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट गौतम अडानी ग्रुप को मिल गया है। इस प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए अडानी ग्रुप ने सबसे ज्यादा 5 हजार 69 करोड़ की बोली लगाई थी। मंगलवार को इस संबंध में टेंडर का प्रोसेस पूरा किया गया। जिसमें अडानी ग्रुप ने बाजी मार ली। डीएलएफ ग्रुप ने 2 हजार 25 करोड़ की बोली लगाई थी। वहीं, नमन समूह को टेंडर प्रोसेस में वैलिड नहीं पाया गया। सबसे अधिक बड़ी बोली लगाने के चलते आखिरकार यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप को मिल गया।

मुंबई के धारावी का रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए चौथी बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेंडर प्रोसेस शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट के लिए दुनिया की आठ बड़ी कंपनियों ने अपना इंटरेस्ट दिखाया था। लेकिन आखिर तक जाते-जाते महज तीन कंपनियों ने ही अपनी इच्छा जताई थी। इस लिस्ट में अडानी, डीएलएफ और नमन ग्रुप शामिल थे। लेकिन प्रक्रियाओं के निरीक्षण के समय नमन ग्रुप की एप्लीकेशन योग्य नहीं पाया गया और उसे कैंसिल कर दिया गया। यह भी पढ़े: मुंबई में संपत्ति के विवाद में जीजा ने साली को उतारा मौत के घाट, आरोपी गिरफ्तार

इस प्रोजेक्ट के लिए कम से कम 1 हजार 600 करोड़ की बोली लगाना अनिवार्य था। अडानी ग्रुप ने सबसे अधिक यानी 5 हजार 69 करोड़ की बोली लगा कर यह प्रोजेक्ट हासिल कर लिया। डीएलएफ ग्रुप ने इससे सबसे कम की बोली लगाई। डीएलएफ ग्रुप ने 2 हजार 25 करोड़ की ही बोली लगाई। नमन ग्रुप की बोली तकनीकी वजहों से योग्य नहीं माना गया। जिसकी वजह से यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप के हाथ लग गया। अब जल्दी ही राज्य सरकार की शर्तों के मुताबिक टेंडर को अंतिम रूप देते हुए इस रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा।

बता दें कि धारावी रिडेवलमपेंट प्रोजेक्ट लगभग 20 हजार करोड़ का होने वाला है। आने वाले 17 सालों में इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है। आने वाले सात सालों में पुनर्वसन का काम पूरा कर लिया जाएगा। एक समय में धारावी में चमड़े का बहुत बड़ा इंडस्ट्री था। जैसे-जैसे मुंबई बढ़ती गई, यह झोपड़पट्टी भी बढ़ती गई और यहां उसी अनुपात में लघु उद्योग भी बढ़ते गए। यह इलाका मुंबई के एकदम बीचो-बीच मौजूद है। यहां तकरीबन दस लाख लोग रहते हैं। ऐसे में रिडेवलमपेंट से पहले पुनर्वसन का काम बहुत बड़ा है।