
गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन में 30 वर्षीय महिला द्वारा लगाए गए बलात्कार के आरोप की सच्चाई आखिरकार जांच में सामने आ गई है। सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ कि युवती द्वारा लगाए गए आरोप और घटना की पूरी कहानी मनगढ़ंत थी। जिसके चलते पुलिस ने अब केस बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान 30 वर्षीय महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। यह मामला 13 जुलाई को तब सामने आया, जब मुंबई के एक सरकारी अस्पताल ने दादर जीआरपी को सूचित किया कि एक महिला को भर्ती किया गया है, जिसके निजी अंगों पर जख्म है। पूछताछ में महिला ने दावा किया कि वह प्रयागराज से मुंबई तक गोरखपुर एक्सप्रेस के सामान्य डिब्बे में यात्रा कर रही थी। ट्रेन में शौचालय इस्तेमाल करते समय एक अज्ञात व्यक्ति ने दरवाजा बंद कर उसके साथ रेप किया।
महिला ने पुलिस को यह भी बताया कि वह औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहती, क्योंकि इससे उसकी बदनामी होगी। पुलिस ने उसे समझाने की कोशिश की और एक NGO की सहायता भी ली, लेकिन जब वह शिकायत दर्ज कराने को तैयार नहीं हुई, तो जीआरपी ने खुद संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज की।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ट्रेन और संबंधित रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, और महिला द्वारा बताए गए स्थानों की जांच की। जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए, उसने मामले को पूरी तरह पलट दिया।
अधिकारियों के अनुसार, महिला वास्तव में 12 जुलाई को अपने प्रेमी के साथ मुंबई आई थी और दोनों ने एक गेस्ट हाउस में रात बिताई थी। उसी दौरान उनके बीच संबंध बने और इसी में महिला के निजी अंगों में चोटें आईं, जिसके बाद वह अस्पताल गई। लेकिन उसने अस्पताल और पुलिस को यह बात नहीं बताई, ताकि प्रेमी की पहचान उजागर न हो।
इलाज के बाद महिला अपने गांव लौट गई। पुलिस ने उसके बयान और छानबीन के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि रेप की कोई घटना नहीं हुई है। अब पुलिस इस मामले को बंद कर रही है।
Published on:
06 Aug 2025 12:58 pm
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