
Maharashtra News : चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के प्रकोप की ख़बरें सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार सतर्क हो गई है। एचएमपीवी के संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर ने राज्यभर के उप-निदेशकों, सिविल सर्जनों और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को एक आदेश जारी किया है जिमसें गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) के मामलों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल, महाराष्ट्र में एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग ने जनता को आश्वस्त किया है कि चीन में सामने आए एचएमपीवी मामलों को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आवश्यक सावधानियां लागू की जा रही हैं।
डॉ. अंबाडेकर ने कहा, "नागरिकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है और अधिकारियों को एसएआरआई और आईएलआई मामलों की रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।"
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के भीतर श्वसन संक्रमण डेटा का विश्लेषण किया है। दिसंबर 2023 की तुलना में दिसंबर 2024 में मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। हालांकि, एहतियाती उपाय के तौर पर लोगों को श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए क्या करें और क्या न करें का पालन करने की सलाह दी गई है।
हाल के दिनों में चीन में एचएमपीवी के फैलने की रिपोर्टें सामने आई हैं। यह वायरस तीव्र श्वसन संक्रमण का एक महत्वपूर्ण कारण है। एचएमपीवी को पहली बार 2001 में नीदरलैंड में रिपोर्ट और पहचाना गया था। यह एक सामान्य श्वसन वायरस है जो मुख्य रूप से ऊपरी श्वसन ट्रैक में संक्रमण का कारण बनता है।
अधिकारियों के मुताबिक, एचएमपीवी एक मौसमी बीमारी है। जो रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) और फ्लू की तरह आमतौर पर सर्दियों और गर्मियों की शुरुआत में होती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा फ्लू के मौसम को देखते हुए चीन में स्थिति असामान्य नहीं है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि चीन में मामलों में आया वर्तमान उछाल इन्फ्लूएंजा वायरस, आरएसवी और एचएमपीवी के कारण है। हालांकि सरकार इस मुद्दे पर कड़ी नजर रख रही है।
Updated on:
06 Jan 2025 11:03 am
Published on:
06 Jan 2025 10:54 am
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