
Kolhapur Horror Murder : बॉम्बे हाईकोर्ट ने मां की हत्या कर उसके शरीर के अंगों को खाने वाले दरिंदे बेटे की मौत की सजा को बरकरार रखा है। दोषी ने अपनी बुजुर्ग मां का कत्ल करने के बाद शव को क्षत-विक्षत कर दिया था और मस्तिष्क, लीवर और किडनी जैसे अंगों को फ्राई करके खा लिया था।
यह घटना 28 अगस्त 2017 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के माकडवाला इलाके में हुई थी। इस घटना के बाद 8 जुलाई 2021 में कोल्हापुर सेशन कोर्ट ने आरोपी सुनील कुचकोरवी को फांसी की सजा सुनाई। आरोपी ने इस सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. सुनील की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अब हत्यारे बेटे की मौत की सजा को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह नरभक्षण का मामला है और आरोपी की सुधरने की संभावना नहीं है।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने दोषी सुनील कुचकोरवी की याचिका पर सुनवाई की. खंडपीठ ने सुनील की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी है।
हाईकोर्ट ने कहा, दोषी में सुधार की कोई संभावना नहीं है। यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है। दोषी ने न केवल अपनी मां की हत्या की, बल्कि उसने उसके शरीर के अंगों- मस्तिष्क, दिल, लीवर, किडनी, आंत को भी निकाल लिया और उन्हें एक बर्तन में पकाया।
खंडपीठ ने कहा, ‘‘उसने अपनी मां की पसलियां पकाई थीं और उनका दिल भी पकाने वाला था। यह नरभक्षण का मामला है। इसलिए दोषी के सुधरने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि नरभक्षण करने की प्रवृत्ति होती है। अगर दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, तो वह जेल में भी इसी तरह का अपराध कर सकता है।
सुनील कुचकोरवी ने 28 अगस्त 2017 को कोल्हापुर शहर के माकडवाला में अपने घर पर अपनी 63 वर्षीय मां यल्लमा रमा कुचकोरवी की बेरहमी से हत्या कर दी। फिर शव के टुकड़े किए और कुछ अंगों को कड़ाही में तलकर खा लिया। आरोपी की मां ने जब उसे शराब पीने के लिए पैसे नहीं दिए तो उसने वारदात को अंजाम दिया। वह पुणे की येरवडा जेल में बंद है। उसे हाईकोर्ट के फैसले की जानकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दी गई।
Published on:
02 Oct 2024 06:20 pm
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