
Maha Corona: अब टीबी के BCG से होगा COVID-19 का इलाज, अगले हफ्ते से शुरू होगा टेस्ट...
मुंबई. महाराष्ट्र का हाफकिन रिसर्च सेंटर और मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट मिलकर अब टीबी की दवा बीसीजी का उपयोग कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए चिकित्सकीय तौर पर उसका प्रयोग कर रहे हैं। यह प्रयोग इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) भी करेगा, जिससे यह पता चल सकेगा कि यह बीसीजी दवाई कोविड-19 के मरीजों के उपचार में उपयोगी है भी या नहीं। करीब 121 साल पुराने अनुसंधान का यह प्रयोग उनके लिए है, जो कोविद-19 से सामान्य तौर पर बीमार हैं। राज्य में यह प्रयोग अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा, जबकि इस प्रयोग से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। वहीं हाफकिन रिसर्च सेंटर का दावा है कि इसका असर मरीजों पर पांच दिनों में दिखने लगेगा।
कुछ अडचनें हैं बाकी : मुखर्जी...
वहीं यह प्रयोग राज्यों के जहां मेडिकल कॉलेजों में किया जाएगा तो वहीं इसके प्रयोग के लिए अनुमति भी मिल गई है। मेडिकल एजुकेशन विभाग के सेक्रेटरी संजय मुखर्जी ने बताया हम डृग कंटृोलर जनरल आॅफ इंडिया (डीसीजीआई) की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक बीसीजी को लेकर कुछ अडचनें हैं कि यह कोविड-19 के लिए काम करेगा कि नहीं। उन्होंने उन्होंने कहा कि बीसीजी थेरेपी लोगों को सफल भी हो सकती है और नहीं भी। हालांकि बीसीजी नवजात शिशु और माता को दिया जाता है। मुखर्जी के अनुसार, शुरुआती तौर पर कुछ मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया, जिसके परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं। लेकिन पूरे प्रयोग के बाद ही पता चलेगा कि यह दवा कोविड-19 के लिए कारगर साबित हो सकेगी।
दो हफ्ते में दिखता है बीसीजी का असर, कैसे संभव होगा इलाज...
वहीं कुछ विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली दवाई जैसे बीसीजी वैक्सीन अपना असम दिखाने में कम से कम 2 हफ्ते लेता है। इसके विपरीत इस कोविड-19 का कोर्स टाइम भी 2 हफ्ते का ही है तो पता कैसे लगेगा कि बीसीजी ने अपना काम किया है या नहीं। कोविड-19 के मामलों में रोगी 14 दिन में या तो क्वॉरेंटाइन हो रहे हैं या उनकी मौत हो जा रही है, जबकि मरीज कोविद-19 से बहुत पीडित है तो यह डोज कैसे काम करेगा। हालांकि ऑस्ट्रेलिया और हॉलैंड की कुछ कंपनियां बीसीजी पर के शोध कर रही हैं कि यह दवाई कोविड-19 के लिए कितनी कारगर साबित हो सकती है।
पांच दिनों में दिखने लगेगा असर...
हमारी तरफ से प्रजेंटेशन समेत डॉक्यूमेंटेशन लगभग पूरा हो गया है और दो दिनों में इसे आईसीएमआर समेत डीसीजीआई को भेजा जाएगा। फिर अनुमति मिलते ही अगले हफ्ते में राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में इसका परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा। वहीं हमारे रिसर्चर्स को पूरी उम्मीद है कि बीसीजी का असर कोविद-19 वाले मरीज पर पांच दिनों में दिखने लगेगा।
- डॉ. राजेश देशमुख, डायरेक्टर, हाफकिन इंस्टीट्यूट
Updated on:
02 May 2020 02:02 pm
Published on:
01 May 2020 08:58 pm
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