
बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) की ‘महायुति’ गठबंधन में सीट बंटवारे (Mahayuti Seat Sharing) को लेकर खींचतान जारी है। जिस वजह से सीट-बंटवारे की अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। खबर है कि महायुति में सीट शेयरिंग पर बातचीत अंतिम दौर में है। सूत्रों ने बताया कि महायुति की 48 में से 46 सीटें का फ़ॉर्मूला बन चुका हैं, जबकि 2 सीटों पर अभी भी घमासान जारी है। बीजेपी अब तक राज्य में 23 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। जबकि एनसीपी और शिवसेना ने अभी कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, नासिक और ठाणे की सीटों को लेकर सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में अभी भी रस्साकशी जारी है। बीजेपी ठाणे लोकसभा सीट हासिल करने के लिए जोर लगा रही है। बीजेपी का तर्क है कि ठाणे में उसकी ताकत शिवसेना से ज्यादा है। वहीं शिंदे सेना ठाणे सीट छोड़ने को तैयार नहीं है, क्योंकि ठाणे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ कहा जाता है। इसलिए यह सीट उनकी प्रतिष्ठा का विषय है। ठाणे के अलावा नासिक सीट पर भी तीनों पार्टियों ने दावा ठोका है। यह भी पढ़े-Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र में सजा सियासी रण, बीजेपी ने 23 तो कांग्रेस ने 12 उम्मीदवार उतारे, देखें लिस्ट
इन सीटों पर लड़ सकती है शिंदे की शिवसेना
कल्याण , दक्षिण मुंबई, दक्षिण मध्य मुंबई, उत्तर पश्चिम मुंबई, पालघर, मावल, रामटेक, कोल्हापुर, हातकणंगले, बुलढाणा, शिर्डी, हिंगोली, यवतमाल-वाशिम।
अजित पवार की एनसीपी को मिलेंगी ये सीटें
बारामती, शिरूर, रायगड, परभणी (महादेव जानकर)। इसके अलावा राज्य की बाकि सीटें बीजेपी के खाते में जा सकती है।
ठाणे में खींचतान क्यों?
वर्तमान में ठाणे के मौजूदा सांसद राजन विचारे हैं। वह उद्धव ठाकरे के खेमे में हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी के 4 और शिवसेना के 2 विधायक हैं। इसके अलावा, इस निर्वाचन क्षेत्र में सीएम शिंदे का निर्वाचन क्षेत्र भी है।
नासिक में भी फंसा पेंच
वहीं नासिक सीट पर तीनों पार्टियां चुनाव लड़ना चाहती हैं। नासिक से अभी शिंदे गुट के हेमंत गोडसे सांसद हैं। हालांकि, एनसीपी अजित पवार गुट के दिग्गज नेता छगन भुजबल नासिक सीट चाहते है। इसके अलावा हेमंत गोडसे ने ठाणे में शक्ति प्रदर्शन कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। रविवार रात में शिवसेना के नासिक के सभी विधायक, पदाधिकारी और खुद सांसद गोडसे ठाणे में मुख्यमंत्री आवास के बाहर जुटे थे।
नासिक लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी के 3 विधायक हैं। इसलिए बीजेपी पूरी ताकत से इस सीट पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रही है। जबकि नासिक में एनसीपी के 2 और कांग्रेस का 1 विधायक हैं। इसलिए संख्या बल के लिहाज से यहां शिवसेना की ताकत कम आंकी जा रही है, इसलिए एनसीपी और बीजेपी इस सीट को पाना चाहती हैं। जबकि सीएम शिंदे ने हेमंत गोडसे को आश्वासन दिया है कि वह नासिक सीट को हाथ से जाने नहीं देंगे।
Published on:
26 Mar 2024 11:54 am
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