
महाराष्ट्र के सफेद प्याज को मिला जीआई टैग
Maharashtra White Onion Farming: महाराष्ट्र के अलीबाग के सफेद प्याज (Alibag White Onion) को केंद्र सरकार से भौगोलिक संकेतक (जीआई) का टैग मिल गया है। काफी समय से अलीबाग के सफेद प्याज के लिए जीआई (Geographical Indication) हासिल करने की कोशिश की जा रही है। सफेद प्याज में कई गुण होते हैं। इसलिए बाजार में भी इसकी भारी मांग है। अब जीआई टैग मिलने से इसे विदेशी बाजारों में भी जगह मिल सकती है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा।
सफेद प्याज में कई औषधीय गुण होते हैं। सफेद प्याज हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बेहद फायदेमंद होता है। इसलिए इस प्याज की लगातार मांग बढ़ रही है। हालांकि अब अलीबाग के इस सफेद प्याज को जीआई रेटिंग मिलने से मांग और अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। यह भी पढ़े-मुंबई में ‘नशीली’ कफ सिरप की 4970 बोतलें जब्त, 5 लोग गिरफ्तार
कोंकण कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विभाग के साथ ग्रेट मिशन ग्रुप कंसल्टेंसी के प्रयासों से सफेद प्याज को 2019 में जीआई टैग के लिए पंजीकृत किया गया था। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद इस प्याज को जीआई टैग मिल ही गया है।
सफेद प्याज की खेती कहाँ होती है?
अलीबाग तालुका में कई जगहों पर सफेद प्याज की खेती होती है। तालुका में नेउली, खंडाले, कार्ले, वाडगाव आदि इलाकों के गाँवों में किसान सफेद प्याज उगाते है। यह प्याज गर्मी के मौसम में दो से तीन महीने ही बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होता है। आमतौर पर बाजारों में सफेद प्याज की आवक फरवरी महीने से शुरू हो जाती है।
काफी समय से अलीबाग क्षेत्र के किसान धान की खेती के बाद दोहरी फसल के रूप में बड़ी मात्रा में सफेद प्याज की खेती कर रहे हैं। अब जब इस प्याज को जीआई टैग मिल गया है तो किसान इसे देश के साथ-साथ विश्व बाजार में भी बेच सकेंगे। इससे सफेद प्याज का उत्पादन करने वाले किसानों को काफी फायदा होगा।
क्यों खास है अलीबाग का सफेद प्याज?
अलीबाग के सफेद प्याज की खासियत इसे सबसे अलग बनाती है। इसका स्वाद अन्य प्याज की तुलना में अधिक मीठा होता है और यह ज्यादा टिकाऊ होती है। इसे आसानी से पेस्ट और पकाया जा सकता है। इसे अलीबाग क्षेत्र का पारंपरिक बीज माना जाता है। यह प्याज धान की कटाई के बाद दो महीने की अवधि के भीतर नमी के मुताबिक लगाया जाता है।
सफेद प्याज के फायदे क्या हैं?
सफेद प्याज एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंथोसायनिन और क्वेरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर से बचाते हैं। वहीं, प्याज की पत्तियों में सल्फर और फ्लेवोनॉयड एंटीऑक्सीडेंट होता हैं जो कैंसर से लड़ने में मदद करता हैं। जबकि सफेद प्याज का रस और शहद मिलाकर पीने से यह कफ सिरप की तरह काम करता है। इससे सांस संबंधी रोग दूर होते हैं।
सफेद प्याज एल्कलाइन होने के नाते शरीर में एसिड को बैलेंस करने का भी काम करता है। गैस की समस्या से परेशान लोगों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए। सफेद प्याज में विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम और कई अन्य आवश्यक तत्व होते हैं।
Published on:
15 Dec 2022 04:23 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
