scriptमहाराष्ट्र में बेबस हुआ किसान… 3500 किलो प्याज बेचने पर नहीं मिला 1 भी रुपया, उल्टा व्यापारी ने मांगे 1800 रुपये | Maharashtra Beed farmer did not get single Rs after selling 3500 kg onions trader asks to pay Rs 1800 | Patrika News

महाराष्ट्र में बेबस हुआ किसान… 3500 किलो प्याज बेचने पर नहीं मिला 1 भी रुपया, उल्टा व्यापारी ने मांगे 1800 रुपये

locationमुंबईPublished: Mar 21, 2023 06:38:08 pm

Submitted by:

Dinesh Dubey

Maharashtra Beed News: यह सब देखकर किसान के की आंखों से आंसू निकल आये। कई महीनों की मेहनत का यह हश्र होने पर रातभर पूरा परिवार रोता रहा। परिवार के मुखिया के तौर पर भगवान डांबे के सामने अपने परिवार के भरण-पोषण का प्रश्न खड़ा हो गया है।

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महाराष्ट्र में प्याज किसानों को हो रहा बड़ा नुकसान

Maharashtra Onion Farmers: महाराष्ट्र में प्याज किसानों की हालत बेहद खराब है । प्याज की कीमतों में गिरावट से प्याज उगाने वाले किसानों की आंखों में आंसू है । बीड के एक किसान ने मंडी में साढ़े तीन टन प्याज बेचा, लेकिन हाथ में एक भी रुपया नहीं आया। उल्टा व्यापारी ने ही किसान से 1800 रुपये की मांग कर दी। किसान ने दावा किया कि उसने प्याज की खेती में 70 हजार रुपये खर्च किये, जबकि बेचने के बाद उसकी जेब में एक रुपया नहीं आया तो वह अपना और परिवार का गुजारा कैसे करें?
बीड के जैतालवाड़ी गांव के किसान भगवान डांबे ने दो एकड़ के खेत में प्याज की खेती की। महंगे बीज, बुआई लागत, निराई, दवा का छिड़काव, खाद और कटाई लागत सभी को मिलाकर 70 हजार रूपये का खर्च आया। भगवान डांबे ने उम्मीद जताई थी कि प्याज की फसल अच्छी होगी और उन्हें बढ़िया मुनाफा मिलेगा। यही सोचकर 3,500 किलो प्याज बेचने के लिए सोलापुर मंडी में भेजी।
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किसान को उम्मीद थी कि उसे प्याज की अच्छी कीमत मिलेगी, जिससे बच्चों की पढ़ाई का खर्च और परिवार के रोजमर्रा के खर्चे निकल आएंगे। लेकिन प्याज बेचने के बाद किसान के हाथ में फूटी कौड़ी नहीं आयी। बल्कि व्यापारी ने किसान को 1800 रुपए और जमा करने को कहा। दरअसल बाजार में प्याज की तोलाई, पल्लेदारी और अन्य खर्चे प्याज के मिले दाम से अधिक हो गए।
यह सब देखकर किसान के की आंखों से आंसू निकल आये। कई महीनों की मेहनत का यह हश्र होने पर रातभर पूरा परिवार रोता रहा। परिवार के मुखिया के तौर पर भगवान डांबे के सामने अपने परिवार के भरण-पोषण का प्रश्न खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि बीड जिले के हर प्याज किसान की ऐसी ही स्थिति है।
किसान भगवान डांबे ने बताया कि खेत में प्याज बोने से लेकर उसकी कटाई तक पूरे परिवार ने दिन-रात काम किया था। और उन्हें इससे डेढ़ लाख रूपये मिलने की उम्मीद थी। लेकिन अंत में उनके हाथ कुछ नहीं लगा। प्याज काटने के लिए जब मजदूर नहीं मिले तो परिवार के सभी लोग यहां तक की बुजुर्गों ने भी खेत में काम किया। लेकिन जब बाजार में प्याज का भाव सुना तो हमारे पांव तले की जमीन खिसक गई। अब परिवार को दो जून की रोटी का इंतजाम करने के लिए दूसरों से मदद का इंतजार है। लेकिन दुर्भाग्य से गांव के हर किसान का यही हाल है।
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