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महाराष्ट्र: कैबिनेट विस्तार से पहले शिंदे गुट के 5 मंत्रियों की होगी छुट्टी? BJP ने कही बड़ी बात

Maharashtra Cabinet Expansion: एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दिन पहले दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस बैठक में महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई थी।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jun 12, 2023

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महाराष्ट्र के सियासी अखाड़े में बीजेपी-शिवसेना बनाम MVA की जंग तय

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होने की खबर है। हालांकि इस कैबिनेट विस्तार में शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी से नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। रिपोर्ट्स की मानें तो शिंदे-फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो भी छोटा ही होगा। ज्यादा से ज्यादा 9 से 10 नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। हालांकि शिवसेना और बीजेपी नेतृत्व पर उनके विधायक मंत्री बनाने के लिए काफी दबाव बना रहे है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दिन पहले दिल्ली में बीजेपी के केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस बैठक में महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में अमित शाह ने शिंदे गुट की शिवसेना के चार से पांच मंत्रियों को पद से हटाने के लिए कहा है। यह भी पढ़े-पुणे में वरकरियों पर लाठीचार्ज नहीं हुआ, डिप्टी CM बोले- विपक्ष नहीं करे राजनीति; जानें पूरा मामला


शिंदे गुट ने नाकारा

चर्चा है कि एकनाथ शिंदे पर शिवसेना के पांच मंत्रियों- अब्दुल सत्तार, संदिपान भुमरे, तानाजी सावंत, गुलाबराव पाटील और संजय राठोड को कैबिनेट से बाहर कर उनकी जगह नए चेहरों को शामिल करने का बीजेपी दबाव बना रही है। बीजेपी आलाकमान इन पांचों मंत्रियों के काम से नाखुश हैं और इन मंत्रियों के लगातार विवादों में रहने से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और उद्धव गुट की शिवसेना भी दावा कर रही है कि शिंदे खेमे के कई मंत्रियों की जल्द छुट्टी होने वाली है। हालांकि बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख ने इसे ख़ारिज कर दिया है।

बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक शिंदे-फडणवीस सरकार का कैबिनेट विस्तार भले ही जल्दी न हो पाए, लेकिन कैबिनेट में शामिल कुछ मंत्रियों को घर का रास्ता दिखाया जायेगा। हालांकि शिंदे गुट का कहना है कि अमित शाह ने मंत्रियों को हटाने के लिए नहीं कहा है। शिंदे गुट की ओर से कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अमित शाह और एकनाथ शिंदे के बीच सकारात्मक चर्चा हुई है।


क्यों होगी मंत्री पद से छुट्टी?

शिंदे खेमे के इन पांच मंत्रियों में कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, महाराष्ट्र रोजगार गारंटी योजना और बागवानी मंत्री संदिपान भुमरे, स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत, जल आपूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटील और खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठोड शामिल हैं। ये सभी नेता एकनाथ शिंदे के वफादार विधायक भी है।

ये सभी पांचों मंत्री सरकार बनने के बाद से ही किसी न किसी वजह से विवादों में रहे हैं। शुरुआती दिनों में तानाजी सावंत अपने बयानों की वजह से विवादों में रहे। साथ ही, स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनका प्रदर्शन बहुत संतोषजनक नहीं रहा है। सबसे विवादित रहे हैं कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार। उन्हें खुद देवेंद्र फडणवीस भी कथित तौर पर फटकार लगा चुके है। उनके खिलाफ बॉम्बे कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी. इसके अलावा सत्तार पर सुप्रिया सुले के खिलाफ भी आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल का आरोप लग चुके है। एक बार सत्तार ने किसानों की आत्महत्या को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी। आपने काम से ज्यादा सत्तार विवादित बयानों की वजह से सुर्ख़ियों में रहें है।

छत्रपति संभाजीनगर के पालक मंत्री संदिपान भुमरे को लेकर बीजेपी में नाराजगी है। वे मंत्री के कामकाज से ज्यादा अपने उद्योगों के कारण चर्चा में रहे हैं। गुलाबराव पाटील पर बतौर मंत्री निष्क्रियता के आरोप लगे हैं। उनके ही विधानसभा क्षेत्र के कई गांव पानी के लिए तरस रहे हैं। इसके अलावा वे कपास संकट से निपटने में नाकाम रहे हैं। कैबिनेट में संजय राठोड की भागीदारी पहले दिन से ही विवादों में रही। टिकटॉक स्टार युवती की आत्महत्या मामले में वह विपक्ष पर निशाने पर रहे है। इसके अलावा उनके मंत्रालय पर राज्य के दवा विक्रेता संघ ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीधे मुख्यमंत्री शिंदे से शिकायत की थी। यह संगठन पहले से ही बीजेपी के करीब माना जाता है।


बीजेपी दूसरों के हक में दखल नहीं देती- बावनकुले

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इन दावों को ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “मैं 32 साल से बीजेपी का कार्यकर्ता हूं। मुझे नहीं लगता कि बीजेपी किसी के हक में दखल देगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तय करेंगे कि किसे मंत्री बनाया जायेगा और किसे नहीं। शिवसेना के किसी मंत्री को पद से हटाने का उनके पास अधिकार है। बीजेपी कभी दूसरों के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करती है। हमारी गठबंधन सरकार है। इसलिए, बीजेपी तय करेगी कि किसे बीजेपी से मंत्री बनाना चाहिए और किसे नहीं, शिंदे अपनी पार्टी के लिए फैसला करेंगे।“