
Nagpur Violence : महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार रात हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज विधानसभा में बयान दिया। सदन में चौंकाने वाली जानकारी देते हुए उन्होंने संदेह जताया कि नागपुर हिंसा पूर्व नियोजित थी। इस दौरान उन्होंने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर कोई हिंसा करने की कोशिश करेगा तो उसकी जाति या धर्म देखे बिना सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नागपुर में पुलिस पर हमला करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने राज्य की जनता से शांति बनाए रखने और कानून-व्यवस्था का पालन करने की अपील की।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंगलवार को यह बयान मुंबई में चल रहे बजट सत्र के दौरान दिया। नागपुर के महाल और हंसपुरी इलाकों में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने चौंकाने वाला सच बताया। सोमवार सुबह साढ़े 11 बजे नागपुर के महाल इलाके में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने घास से बनी एक प्रतीकात्मक कब्र को आग लगा दी। इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। गणेश पेठ पुलिस ने दोपहर 3 बजे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद माहौल शांत हुआ।
फडणवीस ने कहा कि दोपहर के समय माहौल शांत था, लेकिन अचानक एक अफवाह फैली कि हिंदू संगठनों द्वारा जलाए गए प्रतीकात्मक कब्र के कपड़े पर धार्मिक संदेश लिखा हुआ था। इस अफवाह के चलते माहौल बिगड़ने लगा। शाम होते-होते सैकड़ों लोगों की भीड़ सड़क पर इकट्ठा हो गई और नारेबाजी करने लगी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला। इस बीच हंसापुरी इलाके में 200-300 लोग लाठी-डंडों के साथ सड़क पर उतर आए और पथराव शुरू कर दिया। इन उपद्रवियों ने अपने चेहरे ढंक रखे थे और कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया और आगजनी भी की। इस घटना में 12 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि कुछ पर हथियार से हमला किया गया।
दूसरी ओर भालदारपुरा इलाके में 80-100 लोगों की भीड़ ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की, जिससे पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस को उपद्रवियों पर नियंत्रण पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। हिंसा में 1 क्रेन, 2 जेसीबी और कई चारपहिया वाहन जला दिए गए।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि नागपुर हिंसा में कुल 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें 3 पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। एक डीसीपी रैंक के पुलिस अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इसके अलावा, कुल 5 नागरिक घायल हुए, जिनमें से 3 को इलाज के बाद घर भेज दिया गया, जबकि दो अभी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है और वह आईसीयू में है। पूरे हालात को देखते हुए कुल 11 पुलिस थानों की सीमा में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। नागपुर शहर में एसआरपीएफ की 5 टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने नागपुर के कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकडगंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाडा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगाया है। इन सभी इलाकों में पुलिस ने नाकाबंदी कर दी है और एसआरपीएफ की पांच टुकड़ियों को तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने बयान में कहा कि यह हिंसा पूर्वनियोजित लग रही है, क्योंकि मौके से लगभग एक ट्रॉली पत्थर और कई हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों ने कुछ खास घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया, जिससे यह पता चलाता है कि पूरी घटना प्लानिंग के साथ की गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नागपुर हिंसा पर विधानसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "नागपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया। अफवाह फैलाई गई कि धार्मिक सामग्री वाली चीज़ें जला दी गईं....यह एक सुनियोजित हमला लगता है। किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।"
इस दौरान उन्होंने कहा, “छावा फिल्म (Chhava movie) ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़का दिया है, फिर भी सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए।” सीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि कोई पुलिस पर हमला करेगा, तो उसे किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार पुलिस पर हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
Updated on:
18 Mar 2025 03:16 pm
Published on:
18 Mar 2025 02:39 pm
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