
महाराष्ट्र की डीजीपी IPS रश्मि शुक्ला का तबादला
Maharashtra Assembly Elections 2024 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल किया गया है। राज्य की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला का तबादला कर दिया गया है। विपक्ष की ओर से लगातार आईपीएस रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की जा रही थी। इस बीच केंद्रीय चुनाव आयोग ने रश्मि शुक्ला को राज्य पुलिस विभाग के शीर्ष पद से हटा दिया है।
जानकारी के मुताबिक, राज्य के नये पुलिस महानिदेशक का चयन जल्द ही किया जायेगा। राज्य प्रशासन को 5 नवंबर को दोपहर 1 बजे तक तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम केंद्रीय चुनाव आयुक्त को भेजने हैं। इससे पहले, मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसालकर को राज्य के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
हाल ही में उन पर विपक्ष के नेताओं ने पक्षपात करने का आरोप लगाया था। पिछले हफ्ते शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा था, "राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला के बारे में बहुत ही गंभीर आरोप हैं… वह अभी डीजीपी हैं। क्या आप उनसे निष्पक्ष चुनाव करवाने की अपेक्षा कर सकते हैं? हमने कहा है कि उनके हाथों में चुनाव की बागडोर नहीं देनी चाहिए तब चुनाव आयोग कहता है कि उन्हें इनका तबादला करने का अधिकार नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है? उसी समय झारखंड के डीजी को बदल दिया गया, वो उनके (चुनाव आयोग) अधिकार में है?… महाराष्ट्र का चुनाव पुलिस दबाव तंत्र के ऊपर चल रहा है…"
बता दें कि विपक्ष ने सत्तारूढ़ महायुति पर विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस तंत्र का इस्तेमाल करने का बड़ा आरोप लगाया था। साथ ही राज्य की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला को हटाए जाने की भी मांग की थी। विपक्षी नेताओं का दावा है कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के प्रति पक्षपाती थीं और यदि वह पुलिस के शीर्ष पद पर रहीं तो निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं होगा।
महाराष्ट्र की पहली महिला डीजीपी रश्मि शुक्ला का कार्यकाल इस साल महायुति सरकार ने करीब दो साल के लिए बढ़ा दिया था। वह इस पद पर 3 जनवरी 2026 तक बनी रहेंगी। आईपीएस 1988 बैच की महाराष्ट्र कैडर की अधिकारी जून 2024 में सेवानिवृत्त होने वाली थीं।
उद्धव ठाकरे नीत महाविकास अघाडी (एमवीए) शासन के दौरान शुक्ला को गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा। उनके खिलाफ मुंबई व पुणे में तीन एफआईआर भी दर्ज हुईं, जिनमें से दो को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जबकि एक मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की और फिर सबूतों के अभाव में मामला बंद कर दिया।
Updated on:
04 Nov 2024 02:02 pm
Published on:
04 Nov 2024 12:40 pm
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