महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सत्तारूढ़ एमवीए सरकार से 30 जून (गुरुवार) को बहुमत साबित करने को कहा था। मंगलवार देर रात राजभवन द्वारा महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव को एक पत्र जारी किया गया था। राज्यपाल के फ्लोट टेस्ट के निर्देश के बाद शिवसेना इस मामले को लेकर तत्काल सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।
शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने अपनी याचिका में राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के आह्वान के फैसले को अवैध करार दिया है और तर्क दिया है कि उन्होंने इस निर्णय से पहले 39 बागी विधायकों में से 16 को डिप्टी स्पीकर की तरफ से मिले अयोग्यता नोटिस का ध्यान नहीं रखा। उन्होंने याचिका में कहा कि 39 में से किसी भी विधायक ने राज्यपाल को पत्र लिखकर एमवीए सरकार से समर्थन वापस लेने की बात नहीं कही है।
राज्यपाल ने गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इससे पहले राज्य की प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीती रात राज्यपाल से मुलाकात की और उनसे बहुमत साबित करने के लिए एमवीए सरकार को तत्काल निर्देश देने का आग्रह किया था।
राज्यपाल ने कहा, “मैंने सीएम को एक पत्र जारी कर 30 जून 2022 को सदन में बहुमत साबित करने का आह्वान किया है। कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होगी और शाम 5 बजे समाप्त होगी। गुरुवार को कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाएगी और इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा।”
उधर, महाराष्ट्र के बागी विधायक रैडिसन ब्लू होटल से गुवाहाटी एयरपोर्ट पहुंच चुके है। मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वे बागियों के साथ गुरुवार को मुंबई लौटेंगे और विश्वास मत और अन्य सभी कार्यवाही में भाग लेंगे। शिंदे ने बहुमत पर भरोसा जताया और कहा कि वे शक्ति परीक्षण के बाद विधायक दल की बैठक में आगे की रणनीति पर निर्णय लेंगे।
शिंदे ने कहा “हम बागी नहीं है..हम शिवसेना है और हम बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना के एजेंडे और विचारधारा को आगे लेकर जा रहे हैं। हम लोग राज्य की प्रगति के लिए काम करेंगे।”