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महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को बड़ी राहत, CBI की जमानत रोकने की याचिका खारिज

Anil Deshmukh Bail in 100 Crore Rs Extortion Case: बॉम्बे हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने सीबीआई के अनुरोध को खारिज कर दिया है। इसके चलते अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख को मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहा किया जाएगा।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 27, 2022

NCP leader Anil Deshmukh got bail by Bombay High Court

एनसीपी नेता अनिल देशमुख को जमानत मिली

Anil Deshmukh Corruption Case: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई द्वारा एनसीपी नेता देशमुख की जमानत पर रोक की अवधि बढ़ाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में और समय देने से साफ़ इनकार कर दिया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने सीबीआई के अनुरोध को खारिज कर दिया है। इसके चलते अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख को मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहा किया जाएगा। देशमुख 1 साल 1 महीने 26 दिन बाद आर्थर रोड जेल से रिहा होंगे। हालांकि उनके बुधवार को जेल से बाहर आने की संभावना है। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को बड़ा झटका, बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत आदेश पर लगाई रोक

पिछले हफ्ते बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई के अनुरोध पर देशमुख की जमानत के आदेश पर 27 दिसंबर तक रोक लगा दी थी। वह अभी सीबीआई (CBI) द्वारा दायर भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल में बंद है।

बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को एक लाख रुपये के मुचलके पर अनिल देशमुख को 100 करोड़ रुपये वसूली मामले में जमानत दी थी। साथ ही देशमुख को अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा कराने का आदेश दिया था। हालांकि सीबीआई ने मामले को देश की शीर्ष कोर्ट तक ले जाने के लिए 10 दिन का समय मांगा था, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने मान लिया था और अपने जमानत आदेश को तब तक के लिए निलंबित कर दिया था।


सीबीआई की याचिका क्यों हुई ख़ारिज?

21 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान भी सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट में ऐसी ही दलील देते हुए देशमुख की रिहाई 27 दिसंबर तक रुकवा दी। हालांकि तब कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि 27 दिसंबर के बाद अनिल देशमुख का जमानत आदेश प्रभावी हो जायेगा। और कोर्ट की तरफ से किसी भी परिस्थिति में किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा।

हालांकि, सीबीआई ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट में शीतकालीन अवकाश चल रहा है और सुप्रीम कोर्ट की विशेष अवकाश पीठ सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं है। इसलिए उसे 3 जनवरी तक का समय दिया जाये और देशमुख के जमानत आदेश को अम्ल में नहीं लाया जाये। उधर, देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने तर्क दिया कि तत्काल मामलों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक रजिस्ट्रार की नियुक्ति की गई है, फिर भी सीबीआई ने इसका उपयोग नहीं किया है। इसलिए, हाईकोर्ट में इस तरह का आवेदन करना अब न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है।


क्या है आरोप?

बता दें कि एनसीपी नेता को दो नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था और नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था। जबकि सीबीआई ने अनिल देशमुख को इस साल अप्रैल में गिरफ्तार किया। ईडी (Enforcement Directorate) के मामले में देशमुख को पहले ही जमानत मिल चुकी है।

74 वर्षीय देशमुख अभी मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्टारेंट से 4.7 करोड़ रुपये एकत्र किए। ईडी ने आरोप लगाया था कि गलत तरीके से अर्जित धन को नागपुर स्थित श्री साई शिक्षण संस्थान को भेजा गया, जो उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक शैक्षणिक ट्रस्ट है।