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13 महीने बाद जेल से रिहा हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख, कहा- मुझे झूठे आरोपों में फंसाया गया

Anil Deshmukh Bail in 100 Crore Rs Extortion Case: अनिल देशमुख लगभग एक साल दो महीने बाद जेल से बाहर आए हैं। इस मौके पर आर्थर रोड जेल के बाहर एनसीपी के दिग्गज नेता भी पहुंचे। इनमें अजित पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल शामिल हैं। Maharashtra Former Home Minister released from Arthur road jail

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 28, 2022

Anil Deshmukh CBI Plea

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख

Anil Deshmukh Released From Arthur Road Jail: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहाई हो चुकी है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख की रिहाई का आदेश बुधवार को जारी किया। देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दी थी।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक बढ़ाने से मंगलवार को इनकार कर दिया था। बुधवार को सीबीआई मामलों के विशेष जज द्वारा देशमुख की जमानत की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ‘रिलीज मेमो’ जारी किया और फिर शाम में उनकी जेल से रिहाई हुई। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को बड़ी राहत, CBI की जमानत रोकने की याचिका खारिज


दिग्गज नेताओं ने किया स्वागत

अनिल देशमुख लगभग एक साल दो महीने बाद जेल से बाहर आए हैं। इस मौके पर आर्थर रोड जेल के बाहर उनका परिवार मौजूद था। उनके अलावा एनसीपी के दिग्गज नेता भी पहुंचे। इनमें अजित पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल शामिल हैं। देशमुख के जेल से बाहर आने के बाद एनसीपी कार्यकर्ताओं ने खुशी मनाई। कार्यकर्ताओं ने नागपुर में देशमुख के घर के बाहर भी खुशी मनाई। देशमुख को 2 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में थे।

मुझे झूठे आरोपों में फंसाया गया- देशमुख

जेल से बाहर आने के बाद अनिल देशमुख ने कहा, “मुझे झूठे आरोपों में फंसाया गया है। परमबीर सिंह ने मुझ पर 100 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। लेकिन उसी परमबीर सिंह ने कोर्ट में जाकर एक हलफनामा दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि सुनी-सुनाई बातों के आधार पर उन्होंने आरोप लगाया था, इसे साबित करने के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है।“ इस दौरान देशमुख ने सचिन वझे के खिलाफ भी बयान दिया था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। अनिल देशमुख पर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे के जरिए 100 करोड़ रुपए की वसूली रैकेट में शामिल होने का आरोप है। उनके खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।


ऐसे मिली राहत

गौरतलब हो कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने राकांपा नेता को 12 दिसंबर को जमानत दी थी, लेकिन सीबीआई ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए समय मांगा था और फिर कोर्ट ने जमानत पर 10 दिन के लिए रोक लगा दी थी। इस बीच केंद्रीय जांच एजेंसी ने शीर्ष कोर्ट का रुख किया, लेकिन उसकी अपील पर तत्काल सुनवाई नहीं हुई और मामला जनवरी 2023 में सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। क्योकि अभी सुप्रीम कोर्ट का शीतकालीन अवकाश चल रहा है।

बता दें कि सीबीआई ने फिर मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से एक बार और जमानत पर रोक बढ़ाने का अनुरोध किया था। जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया और फिर 13 महीने बाद अनिल देशमुख के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ़ गया।