
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। निर्वाचन आयोग ने 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। इसके साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो गई है। लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। बाकायदा चुनाव आयोग इसकी जांच कर रहा है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग ने मंगलवार दोपहर में चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की। आरोप है कि उसके बाद भी राज्य सरकार ने कई फैसले लिए और आचार संहिता लागू होने के बाद भी शासनादेश (जीआर) जारी किया। हालांकि मामला सामने आने पर राज्य सरकार ने आनन-फानन में कुछ जीआर वेबसाइट से हटा दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने मंगलवार को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जारी किए गए कम से कम 112 जीआर को वापस ले लिया है। वहीँ, महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम के एक टेंडर को भी ड्राप करना पड़ा है। बुधवार शाम को महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद शिंदे सरकार ने यह कदम उठाया है।
महाराष्ट्र सरकार ने 15 अक्टूबर को कम से कम 359 जीआर जारी किए। जबकि उसी दिन दोपहर 3.30 बजे विधानसभा चुनावों की घोषणा की गई। इसके अलावा, मॉडल कोड लागू होने के अगले दिन यानी 16 अक्टूबर को लगभग 23 जीआर जारी किए गए थे। लेकिन चुनाव आयोग के दखल के बाद बुधवार शाम तक राज्य सरकार की वेबसाइट पर 15 अक्टूबर के दिन केवल 247 जीआर और 16 अक्टूबर के दिन केवल 2 जीआर दिख रहे है। बाकि वेबसाइट से हटा दिए गए।
दरअसल मीडिया ने मुख्य निर्वाचन कार्यालय से टेंडर और जीआर जारी करने के संबंध में संभावित नियमों के उल्लंघन के बारे में पूछा था। जिसके बाद अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी किरण कुलकर्णी (Kiran Kulkarni) ने कहा, "आचार संहिता लागू होने पर दोपहर 3.30 बजे के बाद जारी किए गए टेंडर और जीआर के संबंध में हम सरकार से बात करेंगे।" इसके बाद ही राज्य सरकार ने कई जीआर वापस ले लिया।
कुलकर्णी ने कहा कि सरकार को केवल उन जीआर को जारी करने की अनुमति है जो सीधे मतदाताओं को प्रभावित नहीं करती हैं। राज्य ने एमसीसी लागू होने के दिन दोपहर 3.30 बजे के बाद जारी किए गए सभी जीआर को वापस ले लिया है।
इस बीच विपक्ष ने राज्य सरकार पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया, "एमसीसी लागू होने के बाद सरकार द्वारा कई कार्य आदेश, जीआर और टेंडर जारी किए गए हैं। इसमें कुछ पिछली तारीख के हैं।"
Published on:
17 Oct 2024 01:40 pm
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