28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Maharashtra: PhD हासिल करने वाले औरंगाबाद के पहले हेड कांस्टेबल बने इरफान खान, पढ़ें पूरी खबर

महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत इरफान खान उस्मान खान ने शहर पुलिस बल में पीएचडी करने वाले पहले हेड कांस्टेबल बनने का गौरव हासिल किया है। पुलिस में कई अधिकारियों ने पीएचडी कर रखी हैं, लेकिन हेड कांस्टेबल के रूप में कार्यरत इरफान की उर्दू में पीएचडी के बाद हर तरफ से प्रशंसा हो रही है।

2 min read
Google source verification
irfan_khan.jpg

Irfan Khan

महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के पुलिस हेड कांस्टेबल इरफान उस्मान खान को प्रसिद्ध उर्दू नाटककार सैयद इम्तियाज अली ताज के कार्यों पर उनके रिसर्च के लिए डॉ बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी से सम्मानित किया गया है। इस उपलब्धि ने उन्हें पीएचडी हासिल करने वाला औरंगाबाद शहर पुलिस का पहला हेड कांस्टेबल रैंक का पुलिस कर्मी बना दिया है। पुलिस में कई अधिकारियों ने पीएचडी कर रखी हैं, लेकिन हेड कांस्टेबल के रूप में कार्यरत इरफान की उर्दू में पीएचडी के बाद हर तरफ से प्रशंसा हो रही है।

हेड कांस्टेबल इरफान खान उस्मान खान के पास उर्दू और जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। इरफान खान ने मौलाना आजाद कॉलेज में उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ काजी नवीद अहमद सिद्दीकी के मार्गदर्शन में "सैयद इम्तियाज अली ताज की नाटक निगरी का तन्किदी वा ताजजियादी मुतला" विषय पर अपना रिसर्च किया। यह भी पढ़ें: Maharashtra: महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग ने नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनाव को किया स्थगित, सामने आई ये बड़ी वजह

बता दें कि ये खास उपलब्धि हासिल करने के बाद इरफान खान ने अपने वरिष्ठों विशेष रूप से पुलिस आयुक्त डॉ निखिल गुप्ता, एडीजी संजय कुमार, आईजी डॉ जय जाधव, एसीपी अशोक थोराट और पूर्व एसीपी डॉ खुशालचंद बाहेती और डॉ एचएस भापकर को उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।

खुशालचंद बहेती ने कहा कि औरंगाबाद शहर में बड़ी संख्या में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पीएचडी से सम्मानित करने का ट्रैक रिकॉर्ड है, लेकिन इरफान खान यह उच्चतम डिग्री हासिल करने वाले पहले हेड कांस्टेबल बन गए हैं।नाटककार के कार्यों में 'अनारकली' शामिल है, जिसे 1922 में लिखा गया था और भारत में कई शो, नाटक और यहां तक कि प्रसिद्ध फिल्म मुगल-ए-आज़म बनाने के लिए विभिन्न देशों में अपनाया गया है।

बता दें कि इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए इरफान खान ने कहा कि इसके लिए मुझे अपने माता-पिता और पत्नी का काफी सहयोग मिला। पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त डॉ खुशालचंद बाहेती की पीएचडी ने मुझे वहीं से प्रेरित किया। नौकरी के बाद पीएचडी करते-करते कई अफसर बदले, लेकिन सभी ने हमेशा सहयोग किया। दिसंबर 2014 से जून 2022 तक की अवधि पीएचडी पूरी करने में चली गई। इरफान खान ने कहा कि पीएचडी से नवाजे गए विश्वविख्यात लेखक सैयद इम्तियाज अली को उतना प्रचार नहीं मिला, जितना होना चाहिए था।