
Ladki Bahin Scheme: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) शुरू की। लाखों पात्र महिलाओं के खातें में 1500 रुपये की तीसरी किश्त जमा की जा रही है। इस बीच विपक्षी दलों के नेताओं ने दावा किया है कि लाडकी बहीण योजना (Ladli Behna Yojana) ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी, क्योंकि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर बहुत बोझ पड़ रहा है।
शरद पवार नीत एनसीपी (एसपी) के नेता व राज्य के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने दावा किया है कि महाराष्ट्र सरकार के पास योजनाओं के लिए अब पैसे नहीं बचे है, इसलिए रिजर्व बैंक (RBI) से 3000 करोड़ रुपये मांगे गए है। राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। हाल के दिनों में सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये की लोकलुभावन योजनाएं घोषित की हैं।
हाल ही में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राज्य के वित्त विभाग ने विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया है। पत्रकारों से बात करते हुए आव्हाड ने दावा किया कि महाराष्ट्र में कोई भी योजना नहीं चल पाएगी क्योंकि राज्य के पास पैसा नहीं बचा है। इसलिए महायुति सरकार ने आरबीआई से एक हफ्ते में 3000 करोड़ रुपये देने को कहा है। महाराष्ट्र पर कर्ज का बोझ डाला जा रहा है।
वहीँ, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी दावा किया कि महायुति सरकार के लोकलुभावन योजना को लागू करने से राज्य को धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। राउत ने कहा, लाडली बहना योजना मध्य प्रदेश में भी सफल नहीं रही और वहां की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई। अब बड़ा कर्ज लेकर महाराष्ट्र सरकार भी यही काम कर रही है…लाडली बहना योजना चंद महीने चलेगी और फिर बंद हो जाएगी।
एक रिपोर्ट में राज्य वित्त विभाग के उच्च अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि महाराष्ट्र की वित्तीय स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। सब कुछ ठीक है और सभी योजनाएं समयबद्ध तरीके से लागू की जाएंगी। महाराष्ट्र की वित्तीय स्थिति और राजस्व को देखते हुए सरकार आरबीआई से सालभर में 1 लाख करोड़ रुपये तक की सहायता प्राप्त कर सकती है। यह सिर्फ महाराष्ट्र के लिए नहीं है। बल्कि अधिकांश राज्य इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। राज्य सरकार को अब तक आरबीआई से 75,000 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि चालू माह में 10,000 करोड़ रुपये और मिलेंगे। यह सब आरबीआई द्वारा निर्धारित मानदंडों और नियमों का पालन करके हो रहा है।
अकेले लड़की बहिन योजना से महाराष्ट्र सरकार के खजाने पर हर साल 46,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। इस बीच, राज्य सरकार ने अक्टूबर और नवंबर महीने के लिए अग्रिम भुगतान करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नवंबर में विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए लाडकी बहीण योजना के लाभार्थियों को अक्टूबर और नवंबर महीने के पैसे अभी दिए जाएंगे, नहीं तो विपक्षी दल इसमें बाधा डाल सकते हैं।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’ के तहत 21 से 65 वर्ष आयु की उन पात्र महिलाओं के बैंक खातों में 1,500 रुपये प्रतिमाह भेजे जा रहे है, जिनके परिवार की आय 2.5 लाख रुपये से कम है। राज्य में यह योजना 1 जुलाई से लागू है।
Updated on:
27 Oct 2024 12:27 pm
Published on:
08 Oct 2024 05:17 pm
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