
महाविकास आघाडी का सीट शेयरिंग फाइनल
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी (एमवीए) में तनातनी दिख रही है। कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद एमवीए का सीट बँटवारे का फ़ॉर्मूला नहीं बन पाया है। इस बीच, एमवीए के सहयोगी दलों ने कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।
वरिष्ठ नेता शरद पवार ने सांसद सुप्रिया सुले को महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट से अपनी पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है। उधर, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई उत्तर-पश्चिम से अमोल कीर्तिकर को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। जिस वजह से कांग्रेस नेता संजय निरुपम नाराज हो गए हैं। अमोल के पिता गजानन कीर्तिकर इस सीट पर मौजूदा सांसद हैं। जिन्होंने 2019 के लोक्सब्भा चुनाव में निरुपम को शिकस्त दी थी। निरुपम फिर इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। यह भी पढ़े-उद्धव ने शिंदे गुट के नेता के बेटे को बनाया उम्मीदवार तो भड़के कांग्रेस नेता, खोल दी पोल
कहां से किसे उम्मीदवार बनाया?
सत्ताधारी महायुति की तरह महाविकास अघाडी में भी सीटों के बंटवारे का पेंच अब तक नहीं सुलझ पाया है। इसलिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हहो पा रही है। लेकिन उद्धव गुट और एनसीपी शरदचंद्र पवार पार्टी ने कुल पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है।
उद्धव ठाकरे खेमे ने रायगढ़ से अनंत गिते, मावल से संजोग वाघेरे, ठाणे से राजन विचारे, मुंबई उत्तर पश्चिम से अमोल कीर्तिकर को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। जबकि शरद पवार ने बारामती से सुप्रिया सुले की उम्मीदवारी की घोषणा की।
बताया जा रहा है कि शिवसेना यूबीटी ने दक्षिण मुंबई से अरविंद सावंत को प्रत्याशी बनाया है। जबकि शरद पवार गुट ने शिरूर से अमोल कोल्हे और कांग्रेस ने सोलापुर सिटी सेंट्रल से परिणिति शिंदे, हिंगोली से प्रगना सावट और चंद्रपुर से प्रतिभा धनोरकर को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। पार्टी जल्द ही इसकी अधिकारिक घोषणा कर सकती है।
जीती हुई सीटों पर हमारा हक- उद्धव गुट
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, “कांग्रेस नेता संजय निरुपम 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव हार गए। वह कांग्रेस में किसी बड़े पद पर नहीं हैं। शायद इसीलिए उन्हें इंडिया गठबंधन या एमवीए बैठकों में आमंत्रित नहीं किया जा रहा है... कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। इसी तरह, शिवसेना में कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, इसका फैसला भी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा। जब हमने 2019 में मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट जीती, तो उस सीट पर फिर से चुनाव लड़ना हमारा अधिकार था... अगर संजय निरुपम फिर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें यह बात कांग्रेस पार्टी को बतानी चाहिए, न कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर... ।“
Published on:
10 Mar 2024 08:57 pm
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