
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने जाति जनगणना कराने के मोदी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी तो जाति जनगणना का सिर्फ नाम लेकर वोट बैंक की राजनीति करती थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे वास्तविकता बना दिया है। इतना बड़ा और कठिन निर्णय लेने के लिए साहस चाहिए होता है, और प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा ऐसा साहस दिखाया है।
राष्ट्रीय जनगणना में जाति आधारित जनगणना को शामिल किए जाने पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने यह काम क्यों नहीं किया? लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। किसी ने भी यह कदम नहीं उठाया, लेकिन पीएम मोदी ने यह करके दिखाया। फिर भी वे इसका श्रेय खुद नहीं लेंगे, बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों को देंगे...शिवसेना इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करती हैं।”
एकनाथ शिंदे ने बुधवार को ठाणे में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जातिगत गणना को सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इससे संसाधनों के समान वितरण में मदद मिलेगी। पीएम मोदी के साहसिक और समावेशी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ जातिगत गणना से विभिन्न जातियों की वास्तविक संख्या पता चलेगा। इस आधार पर सटीक नीति-निर्माण हो सकेगा जिससे सामाजिक न्याय के एक नए युग की शुरुआत होगी।’’
उन्होंने आगे कहा, देश की आजादी के बाद सरकार द्वारा लिए गए सबसे साहसी निर्णयों में से यह एक है। यह सिर्फ नीतिगत फैसला नहीं है, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने का एक क्रांतिकारी कदम है। शिवसेना इसका पूरा समर्थन करती है।
वहीँ, बीजेपी के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "मैं केंद्रीय कैबिनेट में जनगणना प्रक्रिया में जाति गणना को शामिल करने की घोषणा करके लिए गए ऐतिहासिक निर्णय के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। इससे जरूरतमंदों के उत्थान और उनके समग्र विकास के लिए अधिक गहन नीतियां बनाने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी।"
एक वीडियो संदेश में फडणवीस ने कहा, "ये ऐतिहासिक निर्णय है। इस निर्णय के कारण सामाजिक न्याय का नया अध्याय एक नया पर्व भारत में शुरू होगा। विशेष रूप से जो पिछड़े हैं, ऐसे पिछड़ों को न्याय देने हेतु बहुत ही सटीक प्रयोगाश्रित डेटा सरकार के पास होगी और इसके कारण सरकार की योजनाएं उन तक पहुंच पाएगी जो लोग योग्य है… कांग्रेस की सरकारों ने लगातार जाति जनगणना का विरोध किया। उन्होंने कभी इसे होने नहीं दिया। विशेष रूप से 2011 में मनमोहन सिंह जी की सरकार ने ये घोषणा भी की थी कि हम जाति जनगणना करेंगे लेकिन अपनी पार्टी के दबाव में वे जाति जनगणना से मुकर गए। उन्होंने एनसीसी का एक सर्वे कराया जिसके आंकड़े कभी घोषित नहीं हुए। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने केवल राजनीति की है।"
Updated on:
01 May 2025 02:15 am
Published on:
01 May 2025 02:08 am
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