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उद्धव सेना से चल रही गठबंधन की बातचीत, तभी शिवसेना ने दे दिया मनसे को बड़ा झटका!

Maharashtra Politics : उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा जोरों पर है। करीब दो दशक पहले राजनीतिक रास्ते अलग करने वाले ठाकरे भाई अब साथ आने के संकेत दे रहे हैं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jun 08, 2025

Eknath Shinde Raj Thackeray meeting

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC Election) चुनाव को लेकर मुंबई में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। ‘ऑपरेशन टायगर’ के तहत एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने उद्धव ठाकरे खेमे शिवसेना (यूबीटी) में बड़ी सेंधमारी की, वहीं अब राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को भी करारा झटका दिया है। मनसे के मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में एकमात्र पूर्व नगरसेवक (पार्षद) संजय तुरडे अब शिंदे गुट में शामिल होने जा रहे हैं। खबर है कि तुरडे सोमवार को शिवसेना में शामिल होंगे।

संजय तुरडे मुंबई के कुर्ला के वार्ड क्रमांक 166 से नगरसेवक रह चुके हैं। वह मनसे के उन सात नगरसेवकों में शामिल थे जो 2017 में हुए बीएमसी चुनाव में विजयी हुए थे। हालांकि चुनाव के कुछ ही महीनों बाद मनसे के सात में से छह नगरसेवकों ने शिवसेना का दामन थाम लिया था। इस वजह से संजय तुरडे बीएमसी में मनसे के एकमात्र प्रतिनिधि रह गए थे।

यह भी पढ़े-Maharashtra Politics: दो दशक बाद क्या एक होंगे ठाकरे भाई? मनसे से गठबंधन पर उद्धव ने कही बड़ी बात

इस वजह से छोड़ेंगे ‘इंजन’

मनसे छोड़ने की वजह बताते हुए तुरडे ने कहा कि उनके वार्ड में विकास कार्यों के लिए उन्हें पर्याप्त निधी नहीं मिल रही थी, जिसके चलते कई योजनाएं अधूरी रह गईं। शिंदे की शिवसेना में शामिल होने से उन्हें उम्मीद है कि ये अटके कार्य अगले कुछ महीनों में पूरे किए जा सकेंगे।

मनसे को झटका

बता दें कि 2012 में मनसे ने बीएमसी चुनाव में दमदार प्रदर्शन किया था। तब राज ठाकरे की पार्टी ने 28 सीटें जीतकर अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे ने नेतृत्व वाली शिवसेना के कई गढ़ों में सेंध लगाई थी। लेकिन 2017 के मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव में पार्टी को बड़ा झटका लगा और मनसे के प्रत्याशी केवल सात सीटों पर ही जीत सके। उसके बाद से लगातार पार्टी का ग्राफ गिरता गया और अब पार्टी के एकमात्र पूर्व नगरसेवक के जाने के बाद शहर में मनसे का पुराना कोई प्रतिनिधित्व नहीं बचेगा।

शिंदे गुट ने आगामी स्थानीय और नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर मुंबई ही नहीं, बल्कि राज्यभर के कई विपक्षी नेताओं को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया है। जिसके चलते ठाकरे भाईयों- उद्धव और राज के एक साथ आने की अटकलों के बीच कई जिलों में शिंदे की शिवसेना का प्रभाव और ताकत बढ़ रही है।