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महाराष्ट्र में 600 तहसीलदार और 2200 नायब तहसीलदार हड़ताल पर, जानें क्या है 25 साल पुराना यह मामला

Maharashtra Government Employees Strike: महाराष्ट्र राज्य तहसीलदार और नायब तहसीलदार एसोसिएशन ने मांग की है कि नायब तहसीलदारों के ग्रेड वेतन को अन्य विभागों में द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों जितना बढ़ाया जाना चाहिए।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Apr 03, 2023

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महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से आम जनता परेशान

Maharashtra Tehsildar Strike: महाराष्ट्र सरकार के लाखों कर्मचारियों ने हाल ही में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर सात दिन की हड़ताल की थी। अब राज्य सरकार के राजस्व विभाग के राजपत्रित (Gazetted) अधिकारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर चले गए हैं। जिससे आम जनता की मुश्किलें बढ़ गई है।

जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में 2200 नायब तहसीलदार और 600 तहसीलदार आज (3 अप्रैल) से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। दरअसल हड़ताल पर गए तहसीलदारों की मांग है कि उन्हें उनके मौजूदा ग्रेड-पे के मुताबिक वेतन व अन्य भत्ते दिए जाए। उनकी यह मांग दो दशक से अधिक समय से लंबित है। यह भी पढ़े-‘सावरकर गौरव यात्रा’ में राहुल-उद्धव पर बरसे एकनाथ शिंदे, कहा- हिंदुत्व किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं

राज्य में नायब तहसीलदार का पद क्लास-2 का है, लेकिन इस पद पर कार्यरत तहसीलदारों को अन्य विभागों में द्वितीय श्रेणी (क्लास-2) के उनके समकक्षों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है। इसलिए वे नियम के तहत अपने ग्रेड पे 4300 रुपये से बढ़ाकर 4800 रुपये करने की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि 13 अक्टूबर 1998 को राज्य सरकार ने नायब तहसीलदार संवर्ग का पद क्लास-3 से बढ़ाकर क्लास-2 में कर दिया था। लेकिन वेतन नहीं बढ़ाया गया। पिछले 25 वर्षों से राज्य में नायब तहसीलदार क्लास-2 के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें ग्रेड-3 का वेतन मिल रहा हैं।

इसलिए, महाराष्ट्र राज्य तहसीलदार और नायब तहसीलदार एसोसिएशन ने मांग की है कि नायब तहसीलदारों के ग्रेड वेतन को अन्य विभागों में द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों जितना बढ़ाया जाना चाहिए। अगर राज्य सरकार ने यह मांग मानी तो प्रदेश के 2200 से अधिक नायब तहसीलदार लाभान्वित होंगे, वहीं दूसरी ओर सरकारी खजाने पर प्रतिवर्ष 2.64 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा।

इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण आज प्रदेशभर के तहसील कार्यालयों में अव्यवस्था देखने को मिल रही है। इस आंदोलन से राज्य के राजस्व विभाग में सरकारी कामकाज चरमरा गया है। काम अटकने से आम नागरिक, किसान और छात्र प्रभावित हो रहे है।