
मनोज जरांगे ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
Maratha Andolan: मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। पिछले तीन दिनों से मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे पाटिल ने एक बार फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का हथियार उठा लिया है। उन्होंने एक महीने पहले भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था। तब शिंदे सरकार ने मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए एक महीने का वक्त मांगा था। यह समयसीमा 24 अक्टूबर को खत्म हो गयी, लेकिन आरक्षण लागू करने पर कोई ठोस निर्णय नहीं होने से एक बार फिर आंदोलन जोर पकड़ रहा रहा है।
पीएम मोदी ने नहीं की मराठा आंदोलन पर बात
मराठा आंदोलन के प्रमुख चेहरे मनोज जरांगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना की है। जरांगे ने सरकार पर मराठा समुदाय के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पीएम मोदी ने शिरडी दौरे के दौरान मराठा आरक्षण आंदोलन का जिक्र तक नहीं किया। यह भी पढ़े-आरक्षण के लिए मौत को गले लगा रहे मराठा युवा, 12 घंटे के अंदर 2 ने लगाई फांसी, मराठवाडा में हड़कंप
मनोज जरांगे का फूटा गुस्सा
शुक्रवार सुबह मनोज जरांगे ने कहा, “परसों मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दिल्ली गए थे। तब लग रहा था कि उन्होंने मराठा आरक्षण के बारे में प्रधानमंत्री को बताया होगा। लेकिन उन्होंने मराठा आरक्षण और इसके लिए हो रहे आंदोलन के बारे में प्रधानमंत्री को नहीं बताया। अगर उन्होंने ऐसा किया तो क्या प्रधानमंत्री ने कल शिरडी की सभा में जानबूझकर इस बारे में कुछ नहीं कहा? इसका मतलब होता है कि प्रधानमंत्री को अब गरीबों की जरूरत नहीं है...”
शिर्डी के पास काकडी गाव में गुरुवार को पीएम मोदी ने सार्वजनिक सभा को संबोधित किया था। इस पर टिप्पणी करते हुए मराठा नेता जरांगे ने कहा, “प्रधानमंत्री ने क्या कहा और क्या नहीं कहा, इससे मराठों को कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन समाज शांत था क्योंकि उन्हें लगा था कि पीएम मोदी इस मुद्दे को संभालेंगे... सोचा था कि मुख्यमंत्री से इस मामले को सुलझाने के लिए कहा जायेगा। मराठों के मन में प्रधानमंत्री को लेकर कोई शत्रुता की भावना नहीं थी। अगर ऐसा होता तो प्रधानमंत्री के विमान को भी शिरडी में उतरने नहीं दिया जाता... उन्हें आसमान से ही वापस (दिल्ली) भेज दिया गया होता।“
'पीएम को अब गरीबों की जरूरत नहीं'
मनोज जरांगे ने कहा, ''अब प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को गरीबों की जरूरत नहीं है, ऐसा संदेश महाराष्ट्र और पूरे देश में गया है। उन्होंने हमसे 30 दिन का समय लिया। मराठों ने उन्हें 40 दिन का समय दिया। लेकिन कोई आरक्षण नहीं दिया गया। इसका मतलब यह है कि सरकार के साथ ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मराठाओं के बच्चों को बड़ा होने से रोकने की साजिश रची थी।”
सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए जरांगे ने कहा, “आप मराठों को ओबीसी में क्यों नहीं शामिल कर रहें है? आप सिर्फ मराठा समुदाय का जीवन बर्बाद करने के लिए आरक्षण नहीं दे रहे हैं। सब कुछ आपकी पहुंच में है। सबूत मिलने के बाद भी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। आपने जो मांगा मराठा ने वो दिया।“
Published on:
27 Oct 2023 03:52 pm
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