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Maratha Reservation: मराठा आरक्षण के लिए शिंदे सरकार ने उठाया बड़ा कदम, ‘कुनबी प्रमाणपत्र’ देने की तैयारी

Maratha Reservation: महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाडा क्षेत्र के मराठों को कैसे कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाए, इसे लेकर समिति का गठन किया है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Sep 06, 2023

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महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक

Maratha Andolan Update: महाराष्ट्र की शिवसेना-बीजेपी और एनसीपी (अजित पवार) गठबंधन की सरकार ने मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठवाडा में मराठा समुदाय को ‘कुनबी प्रमाणपत्र’ जारी करने के संबंध में आठ दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

खबर है कि सीएम शिंदे ने मराठा आरक्षण के संबंध में गठित अपर मुख्य सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता वाली समिति को यह आदेश दिया हैं। समिति को पहले एक महीने की समय सीमा दी गई थी। दरअसल मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) पिछले आठ दिनों से आरक्षण की मांग को लेकर जालना में भूख हड़ताल पर बैठे है। मनोज जरांगे की तबियत आज ज्यादा खराब होने पर उन्हें डॉक्टरों ने सलाइन लगाया है। राज्य सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद वह अपना अनशन वापस नहीं ले रहे हैं। जरांगे इस बात पर अड़े हैं कि जब तक मराठा आरक्षण का जीआर नहीं आ जाता, तब तक वे भूख हड़ताल वापस नहीं लेंगे। इसलिए अब शिंदे सरकार ने समिति को रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा घटाकर आठ दिन कर दिया है। यह भी पढ़े-Maratha Reservation: 9 दिन से अनशन पर बैठे मराठा नेता की तबीयत बिगड़ी, शिंदे सरकार की बढ़ी टेंशन!


मनोज जरांगे क्या खत्म करेंगे अनशन?

बता दें कि जालना पुलिस ने गत शुक्रवार को जिले के अंबड तालुका के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे। दरअसल प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन को मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे मनोज जरांगे को अस्पताल में भर्ती कराने से कथित तौर पर रोक दिया था जिसके बाद यह हिंसा हुई थी। इस उपद्रव के बाद मराठा आंदोलन ने मुद्दे ने फिर से जोर पकड़ लिया।

महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाडा क्षेत्र के मराठों को कैसे कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाए, इसे लेकर समिति का गठन किया है। दरअसल विदर्भ में कुनबी मराठों को आरक्षण मिलता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा आरक्षण कोटे में मराठा समुदाय को शामिल कर सकती हैं। हालाँकि विपक्ष केंद्र सरकार के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की तर्ज पर मराठों के लिए अलग से आरक्षण देने की मांग कर रहा है।

मनोज जरांगे का कहना है कि मराठा का मतलब ही कुनबी है और कुनबी का मतलब ओबीसी है.. यानि मराठा का मतलब है ओबीसी। बताया जाता है कि मराठवाडा में निज़ाम के शासन काल के दौरान मराठा समुदाय को मराठा कुनबी या कुनबी मराठा के रूप में दर्ज किया गया है। इसलिए जरांगे की मांग है कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में 8550 गांव आते हैं। मराठवाडा के अब तक आठ जिलों के लगभग 80 गांवों में मराठों के कुनबी होने के प्रमाण मिल चुके हैं।