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Nagpur Violence: फहीम खान ने रची थी नागपुर हिंसा की साजिश! पुलिस ने किया गिरफ्तार, इस पार्टी से है नाता

Nagpur violence mastermind : नागपुर में अभी तनावपूर्ण शांति है और 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। शहर में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Mar 19, 2025

Nagpur violence mastermind

महाराष्ट्र के मध्य नागपुर में सोमवार रात को हुई हिंसा के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। नागपुर के महाल और आसपास के इलाकों में हुई आगजनी और पथराव के मामले में दर्ज एफआईआर में हिंसा के मास्टरमाइंड का भी जिक्र किया गया है। पुलिस ने 38 वर्षीय फहीम शमीम खान (Fahim Khan) को नागपुर हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। फहीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

एफआईआर के अनुसार, माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के शहर अध्यक्ष फहीम खान ने हिंसा वाले दिन लोगों को एकत्रित किया था। बताया जा रहा है कि हिंसा तब भड़की जब सोमवार दोपहर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ महाल इलाके में विरोध प्रदर्शन किया। औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए गए इस प्रदर्शन में धार्मिक चिंह जलाये जाने की अफवाह उड़ी। आरोप है कि अफवाह को लेकर फहीम खान ने भीड़ इकट्ठा कर माहौल को और भड़काया।

नागपुर में बढ़ते तनाव को लेकर पुलिस ने 51 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें फहीम खान का नाम भी है। बताया जा रहा है कि फहीम खान ने सबसे पहले 17 मार्च की सुबह 11 बजे 30 से 40 लोगों की भीड़ जुटाई और पुलिस को ज्ञापन सौंपने पहुंचा। इस दौरान उसने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगाए, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन इसके बाद भी फहीम खान ने भीड़ इकट्ठी की और इलाके में तनाव फैलाना शुरू किया।

यह भी पढ़े-Nagpur Violence: वीएचपी और बजरंग दल के खिलाफ केस दर्ज, धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप

चुनाव में हारा था फहीम

जानकारी के मुताबिक, 38 वर्षीय फहीम खान केवल 10वीं तक पढ़ा है। आरोप है कि उसने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया और कहा कि पुलिस हिंदू संगठनों की तरफदारी कर रही है और हमारी मदद नहीं कर रही। गौरतलब है कि फहीम खान ने पिछली विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था।

पुलिस हिरासत में भेजे गए आरोपी

इस हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने अब तक 46 लोगों को गिरफ्तार किया है। गणेशपेठ पुलिस ने कल देर रात 19 आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय (जेएमएफसी) में पेश किया, जहां से सभी को 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। नागपुर पुलिस के साथ-साथ महाराष्ट्र एटीएस भी इस मामले की जांच कर रही है।

कैसे भड़की हिंसा?

सोमवार दोपहर को अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर महाल इलाके के छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर हिंदू संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में जिस प्रतीकात्मक कब्र को जलाया गया, उस पर रखी चादर पर धार्मिक चिह्न था। इसके बाद ही हिंसा की शुरुआत हुई। शाम को हिंसा भड़कने से पहले दोपहर में फहीम खान ने खुद पुलिस को ज्ञापन सौंपते हुए कहा था कि उसकी भावनाएं आहत हुई हैं। इस दौरान फहीम के साथ आई भीड़ ने थाने के बाहर नारेबाजी की। तब पुलिस ने माहौल शांत कराने की कोशिश की, लेकिन शाम होते ही विवाद फिर भड़क उठा और भीड़ ने पथराव व आगजनी शुरू कर दी। इस हिंसा में तीन पुलिस उपायुक्तों समेत 12 पुलिसकर्मी घायल हुए। पथराव और आगजनी के सिलसिले में अब तक करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

मास्टरमाइंड के रूप में फहीम खान का नाम सामने आने के बाद जांच की रफ्तार तेज हो गई है। पुलिस की कई टीमें मामले की गहराई से जांच कर रही है। इस हिंसा के संबंध में अलग-अलग थानों में छह मामले दर्ज किए गए हैं और 1,200 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिनमें से अब तक 150 से ज्यादा लोगों की पहचान कर ली गई है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।