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मीठी नदी घोटाला मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, मुंबई में 8 ठिकानों पर छापेमारी जारी

Mumbai Mithi River Cleaning Scam: मीठी नदी सफाई घोटाला मामले में ईडी का बड़ा एक्शन जारी है, ईडी कि टीमें मुंबई में आठ ठीकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jul 31, 2025

Mumbai Mithi River scam

Mumbai Mithi River Cleaning Scam

मीठी नदी सफाई परियोजना से जुड़े कथित घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी की टीमों ने मुंबई में करीब 8 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की, जिसमें उन ठेकेदारों के परिसरों को शामिल किया गया है, जिन्होंने मुंबई महानगरपालिका (BMC) को फर्जी एमओयू (MoU) सौंपे थे।

अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई मीठी नदी की सफाई के कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत की जा रही है। जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ ठेकेदारों ने बीएमसी को झूठे दस्तावेज देकर यह दिखाया कि उन्होंने निकाली गई गाद (silt) को तय स्थानों पर डंप कर दिया है, जबकि वास्तविकता इससे अलग थी।

यह कथित घोटाला करीब 65 करोड़ का बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इन फर्जी समझौतों के आधार पर ठेकेदारों को भुगतान किया गया, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपयों का नुकसान पहुंचा। सफाई के नाम पर सिर्फ कागजों पर काम हुआ, और जमीन पर नतीजे नदारद रहे। इसमें कुछ बीएमसी अधिकारियों के शामिल होने की भी आशंका है।

बता दें कि मीठी नदी सफाई परियोजना घोटाला को लेकर मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने दो महीने पहले शहर में 8 से 9 जगहों पर छापेमारी की थी। ये छापे कुछ ठेकेदारों और कुछ बीएमसी अधिकारियों के घरों और कार्यालयों पर मारे गए थे।

मुंबई ने यह एफआईआर उस विशेष जांच टीम (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है, जिसे पिछले साल अगस्त में महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उठे सवालों के बाद गठित किया गया था। बीजेपी के विधान परिषद सदस्य (MLC) प्रवीण दारकेकर और प्रसाद लाड ने मीठी नदी सफाई परियोजना में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था। एफआईआर में पांच ठेकेदारों, तीन बीएमसी अधिकारियों, दो कंपनियों के प्रतिनिधियों और तीन बिचौलियों को आरोपी बनाया गया है।

वर्ष 2005 से बीएमसी और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने 17.8 किमी लंबी मीठी नदी सफाई परियोजना पर कुल 1,300 करोड़ रुपये कैसे खर्च किए, इसकी जांच चल रही है।

इस बीच, ईडी की यह छापेमारी इस बात की तरफ इशारा करती है कि मुंबई जैसे महानगर में बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार किस स्तर तक फैला हुआ है। अब देखना यह होगा कि आगे जांच किन बड़े बाबूओं तक पहुंचती है। ईडी को इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की भी आशंका है, जिसकी कड़ियां अब खंगाली जा रही हैं।