26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मीठी नदी सफाई घोटाले में बड़ा एक्शन, 9 जगहों पर छापा, 3 BMC अधिकारी और 5 ठेकेदार रडार पर

Mithi River corruption : मुंबई पुलिस की टीमें लगातार आरोपियों से जुड़े ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं और मामले की गहन जांच जारी है।

less than 1 minute read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

May 06, 2025

Mumbai Mithi River scam

Mumbai Mithi River Cleaning Scam

मीठी नदी सफाई परियोजना से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार सुबह से ही शहर में 8 से 9 जगहों पर छापेमारी की। ये छापे ठेकेदारों और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के अधिकारियों के घरों और कार्यालयों पर मारे गए।

बताया जा रहा है कि अभी भी आरोपी ठेकेदारों के दफ्तरों और घरों के साथ-साथ बीएमसी अधिकारियों के निवास पर ईओडब्ल्यू अधिकारी तलाशी ले रहें हैं। आरोप है कि ठेकेदारों ने फर्जी समझौता ज्ञापन (MoU) साइन कर ठेके हासिल किए और परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया।

मिली जानकारी के मुताबिक, यह एफआईआर उस विशेष जांच टीम (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है, जिसे पिछले साल अगस्त में महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उठे सवालों के बाद गठित किया गया था। बीजेपी के विधान परिषद सदस्य (MLC) प्रवीण दारकेकर और प्रसाद लाड ने मीठी नदी सफाई परियोजना में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था।

यह भी पढ़े-Pune: शिवलिंग को अपवित्र करने पर बवाल, विरोध में बाजार बंद, भारी पुलिस बल तैनात

एफआईआर में पांच ठेकेदारों, तीन बीएमसी अधिकारियों, दो कंपनियों के प्रतिनिधियों और तीन बिचौलियों को आरोपी बनाया गया है। जबकि घोटाले की कुल राशि करीब 55 करोड़ रुपये आंकी गई है। आरोप है कि ठेकेदारों ने फर्जी एमओयू साइन कर परियोजना में हेराफेरी की, जिसमें बीएमसी के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत थी।

पुलिस और एसआईटी की टीमें लगातार आरोपियों से जुड़े ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं और मामले की गहन जांच जारी है। वर्ष 2005 से अब तक बीएमसी और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने इस 17.8 किमी लंबी परियोजना पर कुल 1,300 करोड़ रुपये कैसे खर्च किए, इसकी जांच एसआईटी कर रही है।