
Raj Thackeray
Raj Thackeray MNS : राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) एक बार फिर उत्तर भारतीयों के प्रति अपने आक्रामक रुख को लेकर विवादों के केंद्र में है। हाल ही में महाराष्ट्र के बैंकों और अन्य प्रतिष्ठानों में मराठी के इस्तेमाल को लागू करने के लिए मनसे द्वारा किए गए आंदोलन में कई हिंदी भाषी लोगों के साथ मारपीट और अभद्रता की गई। हालांकि भारी विरोध और राज्य सरकार के सख्त रुख को देखते हुए मनसे ने शनिवार को अपना आंदोलन वापस ले लिया। इस बीच, मनसे का पंजीकरण रद्द करने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है।
उत्तर भारतीय विकास सेना के प्रमुख सुनील शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मनसे पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि मनसे द्वारा उत्तर भारतीयों को लगातार धमकाया जा रहा है और पार्टी के नेताओं की ओर से भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि देश की शीर्ष कोर्ट चुनाव आयोग और राज्य सरकार को राज ठाकरे और उनकी पार्टी मनसे के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दे।
इस याचिका को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मनसे के प्रवक्ता और मुंबई इकाई के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने सोशल मीडिया पर उत्तर भारतीयों को लेकर अपमानजनक बात कही। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी की मान्यता बनी रहे या नहीं, ये कोई भैय्या तय करेगा क्या? अगर ये भैय्ये हमारी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, तो हमें भी सोचना पड़ेगा कि मुंबई और महाराष्ट्र में उन्हें रहने दिया जाए या नहीं।” देशपांडे ने बीजेपी पर क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। मनसे नेता के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील शुक्ला ने संदीप देशपांडे से उनका बयान वापस लेने की मांग की है और कहा है कि वे इस मुद्दे को यूं ही नहीं छोड़ेंगे। शुक्ला ने मनसे कार्यकर्ताओं पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग भी की है। उन्होंने चेतावनी दी कि वे हर ऐसी चीज से जुड़े लोगों को इस मामले में आरोपी बनाएंगे।
इस विवाद में अब समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आजमी भी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि मनसे मराठी और उत्तर भारतीयों के नाम पर समाज में फूट डालने का प्रयास कर रही है। अबू आजमी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि उत्तर भारतीयों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और मनसे पर प्रतिबंध लगाए जाना चाहिए।
अबू आजमी ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि एक विशेष समुदाय के लोग, जो कड़ी मेहनत करते हैं, आज उन्हें (उत्तर भारतीयों) गालियां दी जा रही हैं और सरकार चुप्पी साधे बैठी है। जब चुनाव आते हैं, तो उत्तर प्रदेश से नेता बुलाए जाते हैं और उत्तर भारतीयों का वोट अपनी तरफ करने की कोशिश होती है। लेकिन अब जब उत्तर भारतीयों का अपमान किया जा रहा है, तो सरकार कुछ भी नहीं कह रही है।
वहीं, आरपीआई प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी मराठी भाषा को लेकर मनसे के आंदोलन पर सवाल उठाये है और राज ठाकरे पर निशाना साधा है।
Updated on:
08 Apr 2025 10:30 pm
Published on:
08 Apr 2025 10:29 pm
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